नई दिल्ली (नेहा): वर्तमान समय में मोबाइल हर किसी की जीवन का हिस्सा बन गया है। अगर लोगों से कुछ मिनट के लिए ही मोबाइल ले लिया जाए, तो वो परेशान हो जाते हैं। कई बार लोगों को महंगे फोन रखने का शौक होता है, लेकिन बजट कम होने की वजह से वो सेकेंड हैंड फोन लेना पसंद करते हैं। कम दाम में सेम फीचर वाला फोन मिल जाता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, शोरूम या किसी दुकान से आसानी से सेकेंड हैंड फोन खरीदा जा सकता है। लेकिन सेकेंड हैंड फोन खरीदना सुरक्षित नहीं होता है।
कई बार ऐसा होता है कि लोग सेकेंड हैंड फोन खरीदकर फंस जाते हैं। कई बार लोगों को चोरी का फोन खरीदने की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि लोगों को पता नहीं होता है कि वो जिस फोन को खरीद रहे हैं वो चोरी का है या सही है। आज हम आपको अपनी खबर में कुछ टिप्स बताते हैं, जिससे आप चोरी का फोन खरीदने से बच सकते हैं। अगर आप सेकेंड हैंड मोबाइल खरीद रहे हैं, तो IMEI नंबर से पता कर सकते हैं कि मोबाइल चोरी का है या नहीं। यह एक यूनिक कोड है जो हर फोन में रहता है। चोरी या गुम होने की शिकायत में पुलिस सबसे पहले इसी कोड का इस्तेमाल करती है।
अगर आप सेकेंड हैंड मोबाइल खरदीते हैं, तो सबसे पहले उसका IMEI नंबर की जांच करें। यह नंबर फोन की बॉक्स पैकिंग, बिल और फोन की सेटिंग्स में भी होता है। आप *#06# डायल करके भी IMEI का पता लगा सकते हैं। इसके बाद सरकारी वेबसाइट या एप पर जाकर यह पता किया जा सकता है कि फोन ब्लैकलिस्टेड तो नहीं है। अगर नंबर सही है और ब्लैकलिस्ट में नहीं है, तो फिर फोन सही है और आप खरीद सकते हैं। अगर आप सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदते हैं, तो आप उसका ओरिजिनल बिल जरूर देखें। इसमें कहां से फोन खरीदा है, जिसमें पूरी जानकारी ह। अगर ऑफलाइन किसी दुकान से खरीदा है तो उसमें विक्रेता की सील और साइन जरूरी है। इसके अलावा वारंटी कार्ड भी मदद करता है।