नई दिल्ली (नेहा): आज शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि और पांचवा दिन है। आज सुबह से मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जा रही है। आज रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और विशाखा नक्षत्र है। पाताल की भद्रा सुबह 06:11 ए एम से 09:32 ए एम तक है। पंचांग के अनुसार आज सुबह 09:32 ए एम तक चतुर्थी तिथि है। इस बार कुछ पंचांग में तृतीया तिथि दो दिन थी, तो कुछ पंचांग में चतुर्थी तिथि दो दिन है। ऐसे में आज पांचवे दिन चतुर्थी को मां कूष्मांडा की पूजा की जा रही है।
मां कूष्मांडा 8 भुजाओं वाली देवी हैं, जिनका वाहन शेर है। मां कूष्मांडा को साहस और अद्भुत शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनके पास पूरी सृष्टि के सृजन की क्षमता मौजूद है। यदि आप कूष्मांडा का अर्थ देखेंगे तो उसका मतलब है कुम्हड़ा. कुम्हड़े में अनेकों बीज होते हैं, जो कई नए पौधे का सृजन कर सकते हैं। चौथी नवदुर्गा की शक्तियों को देखकर ही उनका नाम कूष्मांडा पड़ा, जो सृजन की देवी हैं। मां कूष्मांडा की पूजा करने से रोग, दोष, दुख आदि का नाश होता है. यश और कीर्ति मिलती है।