नई दिल्ली (नेहा): कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गया है। ऐसे में एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी हैं। कच्चे तेल के दाम गिरने से पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सकता है। इस बीचे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के रेट अपडेट कर दी हैं।
कच्चे तेल में गिरावट के बावजूद देश में कहीं भी पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज भी भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल पोर्ट ब्लेयर में है। यहां, पेट्रोल का दाम 82.46 और डीजल का दाम 78.05 लीटर है। जबकि, दिल्ली में पेट्रोल 94.77 और डीजल 87.67 रुपये पर स्थिर हैं।
तेल उत्पादक देशों के ग्रुप ओपेक+ ने हाल ही में तेल की स्प्लाई बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें गिर गईं। अमेरिकी कच्चे तेल (WTI) के दाम 4% नीचे आ गए। वहीं, ब्रेंट क्रूड 3.79 पर्सेंट लुढ़क कर 58.79 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इसका मतलब है कि दुनिया भर में तेल की सप्लाई बढ़ने से दामों पर दबाव पड़ रहा है।
देश में डीजल की मांग में अप्रैल में करीब चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कई माह की नकारात्मक या कम वृद्धि के बाद अप्रैल में गर्मियों की शुरुआत के साथ डीजल की खपत बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में डीजल की खपत बढ़कर 82.3 लाख टन हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि से लगभग चार प्रतिशत अधिक है।
अप्रैल, 2023 की तुलना में खपत 5.3 प्रतिशत और कोविड-पूर्व की अवधि यानी 2019 की तुलना में इसमें 10.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, अप्रैल, 2025 में पेट्रोल की खपत 4.6 प्रतिशत बढ़कर 34.35 लाख टन हो गई। पिछले साल चुनाव प्रचार के कारण पेट्रोल की खपत में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।