नई दिल्ली (नेहा): दिसंबर से यमुना में बिजली से चलने वाली नावों पर सैर करने का सुखद अनुभव मिल सकेगा। जी हां, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआई) ने वजीराबाद के उत्तर में सोनिया विहार में नदी के किनारे दो जेटी बनाने का टेंडर अवार्ड कर दिया है। दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन निगम (डीटीटीडीसी) लिमिटेड ने क्रूज सुविधा चलाने के लिए ऑपरेटर का चयन कर लिया है। अगले तीन चार महीनों में नावों की खरीद हो जाने की संभावना है। उच्च अधिकारियों ने बताया कि क्रूज नावों के संचालन की शर्तों और राजस्व-साझाकरण व्यवस्था के लिए एक समझौता ज्ञापन का मसौदा तैयार किया जा रहा है। क्रूज सोनिया विहार और जगतपुर के बीच चार किमी के हिस्से पर चलेगा, जहां नदी में साफ एवं आसानी से नाव चलने के लिए पर्याप्त पानी है। सूत्रों ने बताया कि एलजी वीके सक्सेना ने बृहस्पतिवार को आइडब्ल्यूएआई के वरिष्ठ अधिकारियों और दिल्ली विकास प्राधिकरण, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम सहित अन्य हितधारक विभागों के साथ इस दिशा में मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की।
अधिकारियों के मुताबिक एलजी को बताया गया कि इस साल दिसंबर में यमुना के स्वच्छ हिस्से सोनिया विहार में 50 यात्रियों की क्षमता वाली दो जेटी शुरू कर दी जाएंगी। एक अधिकारी ने कहा कि यह पहल यमुना नदी पर सैर करते समय निवासियों और आगंतुकों के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने के तरीके को बदलने के लिए तैयार है। अधिकारी ने कहा कि क्रूज सेवा पर्यटन और मनोरंजक गतिविधियों को बढ़ाने और लोगों को नदी के करीब लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। जानकारी के मुताबिक आइडब्ल्यूएआई यमुना तट पर आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास करेगा। इसमें पर्यटकों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र, टिकट काउंटर और अन्य यात्री सेवाओं जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। अधिकारियों ने कहा कि एलजी ने बैठक के दौरान इस पूरी योजना को मंजूरी दे दी है। इससे पूर्व एलजी ने इस पहल को सुविधा जनक बनाने के लिए केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से भी बात की।
अधिकारियों ने कहा कि यमुना के बीच में थीम-आधारित एक संगीतमय जल प्रक्षेपण शो भी शुरू किया जाएगा। इसमें दिल्ली के इतिहास, भारत के नृत्य रूपों, यमुना और उसके इतिहास के महत्व को दिखाया जाएगा। मालूम हो कि इस परियोजना पर को औपचारिक रूप देने के लिए इसी साल मार्च में आइडब्ल्यूएआई और सभी हितधारी विभागों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद, डीटीटीडीसी ने क्रूज सुविधा चलाने के लिए एक कंपनी का चयन करने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति जारी की। एक अधिकारी ने कहा, “यह यमुना के कायाकल्प में दिल्ली सरकार के साथ केंद्र की सक्रिय भागीदारी और सहयोग को भी रेखांकित करता है, जिसके परिणामस्वरूप केवल तीन महीनों में क्रूज संचालन को मूर्त रूप दिया गया, जबकि यह एक साल से यह प्रस्ताव पिछली सरकार के पास पड़ा था।”
जल बोर्ड नावों के सुरक्षित संचालन करने, जल गुणवत्ता प्रतिबंधों और अन्य प्रासंगिक नियमों के लिए दिशानिर्देश प्रदान करेगा। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तटबंध का रखरखाव संभालेगा। अधिकारियों ने कहा कि डीडीए ने आइडब्ल्यूएआई के परामर्श से परियोजना के लिए भूमि निर्धारित कर दी है, जिसमें क्रूज नौकाओं और तट-किनारे की सुविधाओं के रखरखाव के लिए एक साइट शामिल है। डीटीटीडीसी नौकाओं की खरीद, संचालन और रखरखाव में शामिल ऑपरेटरों के लिए भूमिका और जिम्मेदारियों का एक चार्टर तैयार करने में भी मददगार होगा। चूंकि नदी क्षेत्र के साथ स्थायी कंक्रीट निर्माण की अनुमति नहीं है, राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा स्थापित पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन करते हुए, जेटी के निर्माण के लिए लगभग 20 कंटेनरों का उपयोग किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “आइडब्ल्यूएआई ने परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए एनजीटी से आवश्यक अनुमति पहले ही प्राप्त कर ली है।”


 
			
 
                                 
                              
		 
		 
		 
		