नई दिल्ली (नेहा): प्रधानमंत्री मोदी 2 से 9 जुलाई तक घाना, त्रिनिदाद, टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। 8 दिनों की इस यात्रा में प्रधानमंत्री कुल पांच देशों का दौरा करेंगे। इसमें ब्राजील में होने वाला 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भी शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी 2 जुलाई को अपनी यात्रा की शुरुआत घाना से करेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में पहली घाना यात्रा होगी। इस दौरे पर वो राष्ट्रपति नाना अकुफो-आडो से मुलाकात करेंगे और आर्थिक, ऊर्जा व रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इस यात्रा से भारत और घाना के द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है। साथ ही यह यात्रा भारत की ECOWAS और अफ्रीकी संघ के साथ भागीदारी को भी मजबूत करेगी।
3-4 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो की यह पहली आधिकारिक यात्रा होगी। 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। पीएम मोदी वहां की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मुलाकात करेंगे। साथ ही त्रिनिदाद की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित कर सकते हैं। यह यात्रा दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी।
4-5 जुलाई को प्रधानमंत्री की तीसरी मंजिल अर्जेंटीना होगी, जहां राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात करेंगे। बैठक में रक्षा, कृषि, ऊर्जा, खनन, व्यापार और निवेश जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी. यह यात्रा भारत और अर्जेंटीना के बीच बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देगी।
5 से 8 जुलाई के बीच प्रधानमंत्री ब्राजील की यात्रा पर रहेंगे, जहां रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन में वैश्विक शासन सुधार, जलवायु, एआई, स्वास्थ्य और वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा. इसके अलावा ब्रासीलिया में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से मुलाकात कर रक्षा, अंतरिक्ष, कृषि, ऊर्जा और तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के अंतिम चरण में 9 जुलाई को नामीबिया पहुंचेंगे। यह उनकी पहली नामीबिया यात्रा होगी। राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह से मुलाकात करेंगे और संसद को संबोधित कर सकते हैं। साथ ही वहां के पहले राष्ट्रपति और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे।