नई दिल्ली (नेहा): तेलुगु सिनेमा जगत ने एक महान हस्ती शिव शक्ति दत्ता को खो दिया है। ऑस्कर विजेता संगीतकार एमएम कीरवानी के पिता और मशहूर गीतकार और लेखक शिव शक्ति दत्ता का सोमवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया। जिससे तेलुगु फिल्म उद्योग में एक समृद्ध विरासत पीछे छूट गई है। उनके निधन से फिल्म जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। 8 अक्टूबर 1932 को आंध्र प्रदेश के कोव्वुर में जन्मे कोदुरी सुब्बाराव ने एलुरु में सीआर रेड्डी कॉलेज छोड़ दिया और मुंबई चले गए। उन्होंने सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट से ललित कलाओं का प्रशिक्षण लिया। डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद वे कोव्वुर लौटे और शुरुआत में कमलेश नाम से चित्रकारी शुरू की जिसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर शिव शक्ति दत्ता रख लिया। वे एक बहुमुखी प्रतिभा वाले कलाकार थे जिन्होंने सितार और हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्र बजाना भी सीखा था।
दत्ता के गीत जो अपनी शास्त्रीय गहराई और साहित्यिक गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध थे कई लोकप्रिय फिल्मों का हिस्सा बने। इनमें ब्लॉकबस्टर फिल्में जैसे ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’, ऑस्कर विजेता फिल्म ‘आरआरआर’ और हालिया सफल फिल्म ‘हनु-मान’ शामिल हैं। एक गीतकार के रूप में उन्होंने ‘सई’ (2004) से लेकर ‘हनु-मान’ (2024) तक की फिल्मों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। गीत लेखन के अलावा, उन्होंने ‘चंद्रहास’ (2007) का निर्देशन भी किया और ‘जानकी रामुडु’ (1988) के लिए पटकथा लिखी। शिव शक्ति दत्ता के निधन पर तेलुगु फिल्म उद्योग की कई बड़ी हस्तियों और राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “चित्रकार, संस्कृत विद्वान, लेखक, कहानीकार और बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री शिव शक्ति दत्ता गारु के निधन से मुझे गहरा सदमा लगा है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं… मैं अपने मित्र केरावनी गारू और उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।” आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने लिखा, “प्रसिद्ध संगीत निर्देशक एमएम कीरवानी के पिता और लेखक शिव शक्ति दत्ता का निधन बेहद दुखद है। अपने असाधारण लेखन से शिव दत्ता ने तेलुगु दर्शकों के दिलों पर अविस्मरणीय छाप छोड़ी। उनका निधन तेलुगु फिल्म उद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है।”
उन्होंने आगे कहा कि उनके लिखे गीतों की पूरे भारत में सफलता सभी तेलुगु लोगों के लिए गर्व की बात है। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “वह कला और साहित्य के प्रति गहरी रुचि रखने वाले व्यक्ति थे। तेलुगु और संस्कृत साहित्य के गहन ज्ञान के साथ श्री दत्ता गारू ने कई फिल्मों के लिए गीत लिखे। मैं श्री केरावनी गारू और उनके भाइयों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ जो अपने पिता के निधन पर शोक मना रहे हैं।”