नोएडा (राघव): ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी में बन रहा एयरपोर्ट किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के खेतों में उगाई गई फसलें और फल-सब्जियां सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सकेंगी। यह संभव होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनने वाले एग्री एक्सपोर्ट हब के माध्यम से। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। यह हब इनोवा फूड पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए न केवल जमीन दी है बल्कि लैंड सब्सिडी, स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत छूट और दो वर्षों तक बिजली दरों में रियायत जैसी कई आर्थिक सहूलियतें भी प्रदान की हैं। ऐसा होने से जल्द ही यहां विकास को पंख लगेंगे। एक्सपोर्ट हब किसानों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करेगा, जहां उनके कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और शॉर्टिंग की जाएगी। इसके बाद यह उत्पाद सीधे कार्गो टर्मिनल के माध्यम से विदेशों में निर्यात किए जाएंगे। खासतौर से आम, अमरूद, टमाटर, भिंडी जैसी उपज को इसका तात्कालिक लाभ मिलेगा।
यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित की जा रही है। शासन स्तर पर इस परियोजना को हरी झंडी मिल चुकी है। अब इसे युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि., भारत बायोटेक, विश्व बैंक समेत विभिन्न एजेंसियों के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं।
इस एक्सपोर्ट हब से गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा। अभी तक अधिक उत्पादन के बावजूद किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था क्योंकि घरेलू बाजार में दाम गिर जाते हैं। अब विदेशी बाजार में निर्यात से उन्हें बेहतर मूल्य मिल सकेगा। उत्तर प्रदेश में हर साल करीब 40 मिलियन टन फल और सब्जियों का उत्पादन होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनकी मांग के अनुरूप अभी तक कोई व्यापक निर्यात केंद्र नहीं था। इस कमी को अब यह नया एग्री हब दूर करेगा।
पतंजलि समूह भी यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 22ई में फूड एंड हर्बल पार्क विकसित कर रहा है। 2017 में समूह को इसके लिए 430 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। दोनों परियोजनाएं क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योगों को नई दिशा देंगी।