बलरामपुर (राघव): यूपी पुलिस और प्रशासन ने धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन के गैंग पर ऐक्शन तेज कर दिया है। इस बीच शनिवार की सुबह बलरामपुर में छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज का मकान गिराया गया। आरोप है कि यह मकान ग्राम समाज की जमीन पर अतिक्रमण करके बनाया गया था। छांगुर बाबा, उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन और गैंग के कुछ अन्य सदस्यों के पकड़े जाने और इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद सबरोज को भी पिछले दिनों यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी जेल में है।
प्रशासन का कहना है कि कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी अवैध ढंग से बनाए गए मकान को लेकर न तो कोई जवाब दिया गया न ही मकान खाली किया गया। इसके बाद प्रशासन ने मकान ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया। दो बुलडोजरों से सबरोज का यह अवैध मकान 15 से 20 मिनट में गिराकर मलबे में तब्दील कर दिया गया। बता दें कि इसके पहले छांगुर बाबा के आलीशान घर पर भी बुलडोजर चला था।
बलरामपुर के गैंडासबुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरामाफी गांव में यह कार्रवाई हुई। प्रशासनिक टीम पुलिस बल के साथ मकान गिराने पहुंची थी। आरोप है यह मकान ग्राम समाज की जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा करके बनाया गया था। बुलडोजर ऐक्शन के बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि जांच में यह निर्माण अवैध पाया गया था। प्रशासन ने मकान के अवैध हिस्सों को हटाने के लिए नोटिस जारी किए थे। लेकिन मकान मालिक ने कोई कार्रवाई नहीं की। अंतत:शनिवार को मकान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
अवैध धर्मान्तरण के आरोपी छांगुर को लेकर भारत नेपाल सीमावर्ती जिलों में पड़ताल तेज हो गई है। बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी व गोरखपुर में खुफिया एजेंसियों ने छांगुर कनेक्शन को तलाशने में अपना जाल बिछा दिया है। नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के जिलों में एक के बाद एक धर्मान्तरण के नए खुलासे हो रहे हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बड़ा खुलासा होगा।
अवैध धर्मान्तरण के मामले की जांच अब सिर्फ एटीएस या ईडी तक सीमित नहीं है बल्कि कई अन्य एजेंसियां भी उसका भंडाफोड़ करने के लिए सक्रिय हो गई हैं। भारत-नेपाल सीमावर्ती जिलों के साथ आजमगढ़, बनारस, गाजियाबाद, बस्ती, सिद्धार्थनगर में भी खुफिया एजेंसियां छांगुर के कनेक्शन को तलाश रही हैं। औरैया में भी छांगुर के कनेक्शन मिलने की बात कही जा रही है। धीरे-धीरे जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि तीन हजार से अधिक लोग छांगुर गैंग में शामिल होकर स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे। ये लोग भी धर्मांतरण में उसका साथ दे रहे थे।