नई दिल्ली (राघव): भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने सोमवार को जॉर्जिया में फिडे महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। दिव्या यह खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उन्होंने हमवतन और अपने से कहीं अधिक अनुभवी कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराया। 19 वर्षीय दिव्या ने ना सिर्फ यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीता बल्कि ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। वह ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी भारतीय महिला और कुल 88वीं खिलाड़ी हैं। दिव्या के वर्ल्ड कप चैंपियन बनने पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिव्या को बधाई दी है। उन्होंने साथ ही हम्पी का हौसला बढ़ाया।
पीएम मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ”दो उत्कृष्ट भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के बीच ऐतिहासिक फाइनल। फिडे महिला विश्व शतरंज चैंपियन 2025 बनने वाली युवा दिव्या देशमुख पर गर्व है। उन्हें इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह कई युवाओं को प्रेरित करेगा। कोनेरू हम्पी ने भी पूरी चैंपियनशिप में असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया। दोनों खिलाड़ियों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिव्या को फिडे वर्ल्ड कप जीतने पर और कहा कि युवा खिलाड़ी की उपलब्धि देश में प्रतिभा की प्रचुरता को दर्शाती है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दिव्या देशमुख को मेरी हार्दिक बधाई, जो फिडे महिला विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं और वह भी 19 साल की छोटी उम्र में।’’उन्होंने लिखा, ‘‘कोनेरू हम्पी उपविजेता रहीं। शतरंज विश्व चैंपियनशिप के दोनों फाइनलिस्ट भारत से थे। यह हमारे देश में, विशेषकर महिलाओं में प्रतिभा की प्रचुरता को दर्शाता है।’’ मुर्मू ने शानदार करियर में उत्कृष्टता बनाए रखने के लिए हम्पी की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि ये दोनों महिला चैंपियन और अधिक गौरव हासिल करेंगी तथा हमारे युवाओं को प्रेरित करेंगी।’’
दो क्लासिकल बाजी ड्रॉ होने के बाद टाईब्रेकर का पहला समूह निर्णायक साबित हुआ जिसमें हम्पी ने अपना संयम खो दिया। विश्व कप और महिला विश्व चैंपियनशिप को छोड़कर हम्पी ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज में सब कुछ जीता है लेकिन किस्मत या फिर अपने धैर्य के कारण विश्व कप खिताब जीतने में नाकाम रही हैं। सोमवार को समय नियंत्रित टाईब्रेकर की पहली बाजी में सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने हम्पी को फिर से ड्रॉ पर रोका लेकिन दूसरी बाजी में काले मोहरों से खेलते हुए उन्होंने दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन को हराकर जीत दर्ज की।