नई दिल्ली (राघव): अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैरिफ युद्ध के बीच भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी देश के दबाव में नहीं झुकेगा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत वैश्विक व्यापार में बदलाव के इस दौर में अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “दुनिया तेजी से बदल रही है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नए रास्ते तलाश रहा है। भारत इन बदलावों के बीच अपनी भूमिका मजबूत करने की दिशा में अग्रसर है।”
पीयूष गोयल ने वैश्विक आर्थिक हालात को “स्वाभाविक उथल-पुथल” बताया, जहां कुछ देश उभरते हैं और कुछ पीछे रह जाते हैं। उन्होंने कहा, “यह भारत का समय है। दुनिया भारत को वैश्विक बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देख रही है।” मंत्री ने यह भी भविष्यवाणी की कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का कुल निर्यात पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 825 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, जिसमें 437 बिलियन डॉलर का वस्तु निर्यात शामिल था। उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का निर्यात क्षेत्र स्थिर बना हुआ है।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाने के प्रस्ताव पर पूछे गए सवाल पर गोयल ने बेफिक्री जताई और कहा, “भारत संकट में भी अवसर तलाशता है। हमारा आत्मबल ऊंचा है और हमारी अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है।” ट्रंप द्वारा भारत को “डेड इकोनॉमी” कहे जाने पर मंत्री ने तीखा तंज कसते हुए कहा, “समझने वाले समझ गए, जो न समझे वो अनाड़ी हैं।”
गोयल ने भारत की मजबूत आर्थिक नींव और वैश्विक स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा, “हमारी डेमोग्राफिक ताकत और 1.4 अरब महत्वाकांक्षी नागरिकों की मांग भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत एक विशाल और संभावनाओं से भरा बाजार है, तो फिर देश के साथ व्यापार करने के लिए दुनिया की कंपनियां कतार में क्यों न लगें?
हालांकि, ट्रंप के टैरिफ प्रस्ताव ने कपड़ा, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में उन निर्यातकों के बीच चिंता बढ़ा दी है जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रस्ताव लागू हुआ तो भारत के कुछ प्रमुख निर्यात उद्योगों को झटका लग सकता है। इसके बावजूद, सरकार का मानना है कि भारत मौजूदा वैश्विक स्थिति को एक अवसर में बदलने की क्षमता रखता है और आने वाले वर्षों में एक वैश्विक विजेता के रूप में उभरेगा।