उत्तरकाशी (राघव): गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के आगे लिमचीगाड के पास महत्वपूर्ण बेली पुल का निर्माण कार्य रविवार को अंतिम चरण में पहुंच गया और इसके बनने से धराली सहित उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों से संपर्क बहाल होने व वहां खाद्य तथा अन्य राहत सामग्री को आसानी में पहुंचाने में मदद मिलेगी। बेली पुल एक ऐसा पुल होता है जिसे पहले से तैयार पुर्जों को जोड़कर जल्दी से बनाया जा सकता है।
प्रदेश के गृह सचिव शैलेश बगौली ने अधिकारियों को धराली में प्रतिदिन 2000 लीटर डीजल तथा प्रभावित लोगों के लिए रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जब तक सड़कों की मरम्मत नहीं हो जाती और उनका संचालन शुरू नहीं होता तब तक प्रभावित लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए घोड़े और खच्चरों का उपयोग किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि गंगनानी और धराली के बीच लिम्चागाड़ पर बनाया जा रहा बेली पुल निर्माण के आखिरी चरण में हैं और शाम तक उसके शुरू होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इससे प्रभावित इलाकों तक संपर्क बहाल करने में मदद मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि सोनगाड़, डबरानी, हर्षिल और धराली आदि स्थानों पर अवरुद्ध गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को सुचारू करने का प्रयास युद्धस्तर पर किया जा रहा है। हालांकि, रविवार सुबह बारिश के कारण हेलीकॉप्टर संचालन पौने 10 बजे शुरू हो पाया। अधिकारियों ने बताया कि मातली हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के जरिए बड़ी मात्रा में खाद्य एवं राहत सामग्री हर्षिल हेलीपैड तक भेजी जा रही है और वापसी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मातली लाया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तक 1000 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। बाढ़ग्रस्त धराली में मलबे में लापता लोगों की तलाश का काम राज्य आपदा प्रतिवादन बल के खोजी कुत्तों और ‘विक्टिम लोकेटिंग’ व ‘थर्मल इमेजिंग’ कैमरा जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से जारी है। खीर गंगा नदी में पांच अगस्त को अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण धराली में मची तबाही में कई होटल और मकान जमींदोज हो गए थे। जिला प्रशासन ने अब तक चार लोगों की मौत और कई अन्य के लापता होने की पुष्टि की है।