लखनऊ (राघव): राज्य सरकार ने नौ साल बाद मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्ते में भारी बढ़ोत्तरी की है। मंत्री और विधायकों के वेतन में 10-10 हजार रुपये का इजाफा हुआ है। विधायकों को वेतन और भत्ता मिलाकर अब 1.25 लाख की जगह हर माह 1.85 लाख रुपये मिलेगा। यह करीब 60 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी है। इसके पहले वर्ष 2016 में विधायकों के वेतन में वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि करीब 48 फीसदी है। विधायकों और मंत्रियों के वेतन व भत्ते बढ़ने से सरकार पर सालाना 105 करोड़, 21 लाख, 63 हजार रुपये सालाना खर्च आएगा।
विधानसभा में गुरुवार को इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल सदस्य तथा सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई। वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन को इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में मार्च 2025 में कमेटी बनाई गई थी। इसमें माता प्रसाद पांडेय, आशीष पटेल, राजपाल बालियान, संजय निषाद, ओम प्रकाश राजभर, अराधना मिश्रा मोना और रघुराज सिंह शामिल थे। समिति की सिफारिश पर विधानसभा में वेतन व भत्ता बढ़ाने के लिए विधेयक को रखा गया। विधायकों को बढ़ा हुआ वेतन का लाभ एक अप्रैल 2025 से मिलेगा और प्रत्येक पांच साल के बाद आयकर अधिनियम -1961 के मुताबिक मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर वृद्धि की जाएगी।
सुरेश खन्ना ने सदन को बताया कि राज्य विधान मंडल के सदस्यों का वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सुखा-सुविधाएं तथा मंत्रियों के वेतन को काफी समय से नहीं बढ़ाया गया था। मूल्य वृद्धि और जीवन यापन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए इसे पुनरीक्षित किए जाने का फैसला किया गया है।
राज्य सराकर ने पूर्व विधायकों का भी ध्यान रखा है। उनकी पेंशन प्रतिमाह 25 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपये हर माह कर दिया गया है। सुरेश खन्ना ने बताया कि विधान परिषद के पूर्व सदस्य को छह वर्ष कार्यकाल पूरा करने पर 2000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी। अगर किसी सदस्य का कार्यकाल छह माह या उससे ज्यादा है, तो उसे पूरा एक साल माना जाएगा और उससे कम होने पर एक साल से कम माना जाएगा। पारिवारिक पेंशन न्यूनतम प्रतिमाह 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है। पारिवारिक पेंशन में नाबालिग बच्चों के साथ अविवाहित पुत्री भी पात्र मानी जाएगी।