गुरदासपुर (नेहा): पंजाब में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है। राज्य के 7 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यह जिले गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, फाजिल्का, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर हैं। यहां पर बड़ी संख्या में गांव पानी में समा गए हैं। सैकड़ों एकड़ फसले तबाह हो गई हैं। कई लोग बेघर हो गए हैं। सेना, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। रणजीत सागर डैम से बुधवार सुबह दो लाख से अधिक क्यूसेक पानी माधोपुर की ओर छोड़ा गया। दोपहर तक पानी को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए ताकि माधोपुर हैडवर्क्स पर पानी रोकने के लिए बनाए गए गेटों को खोला जा सके। इस कार्य में विभाग के 65 कर्मचारी और अधिकारी बाहरी टीमों के साथ जुट गए।
लेकिन अचानक पानी को रोकने के लिए लगाए गए 54 गेटों में से चार गेट बह गए, जिससे एक कर्मचारी बह गया। एक अधिकारी ने बहते हुए कर्मचारी को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह भी मुश्किल में पड़ गया। इस घटना के कारण लगभग 65 कर्मचारी और अधिकारी कश्मीर कैनाल में पानी आने के कारण फंस गए। दूसरी ओर गुरदासपुर के दोरांगला कस्बे में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में 400 छात्र बाढ़ के पानी में फंस गए। रावी दरिया का पानी किनारे पार कर लगभग 9 किलोमीटर दूर तक पहुंच गया जिससे आस-पास के सभी गांवों में पानी भर गया। रास्ते में दबूड़ी जवाहर नवोदय विद्यालय स्थित है और कई अन्य गांव भी आते हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय में लगभग पांच फीट पानी जमा हो गया है।
प्रिंसिपल नरेश कुमार ने बताया कि स्कूल में विभिन्न कक्षाओं के कुल 400 छात्र फंस गए थे जो छात्रावास में रह रहे थे। इसके साथ ही स्कूल के 40 शिक्षक और कर्मचारी और वह खुद भी स्कूल में फंसे गए थे। एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना के विशेष वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं इस बार बारिश भी रिकॉर्ड तोड़ हुई है। बारिश ने 1988 की बाढ़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हालांकि, इस बार 1988 की तुलना में जानी नुकसान कम हुआ है।