नई दिल्ली (नेहा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गहरी दोस्ती की तस्वीर आज चीन के तियानजिन शहर में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान देखने को मिली। दरअसल, सोमवार को पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन स्थल तक पहुंचने के लिए शी चिनफिंग की पसंदीदा कार का इस्तेमाल किया। वहीं, पुतिन के साथ बख्तरबंद राष्ट्रपति वाहन में सवार को होकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए रवाना हुए।
माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मास्को के साथ नई दिल्ली के तेल व्यापार पर टैरिफ लगाने के बीच एक दृश्य बयान है। बता दें कि इस फोटो को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि SCO शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के लिए अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा के दौरान चीन की होंगकी एल5 लिमोजीन का इस्तेमाल किया। बताया जाता है कि चीनी राष्ट्रपति भी इसी वाहन का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि यह कार शीर्ष चीनी नेताओं और चुनिंदा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए आरक्षित है।
वहीं, इस शिखर सम्मेलन के समाप्त हो जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनकी आधिकारिक द्विपक्षीय बैठक के लिए उनकी रूस निर्मित उच्च-स्तरीय लिमोजिन कार ऑरस सेनेट में रवाना हुए। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति इस वाहन को नियमित रूप से विदेश यात्राओं पर साथ लेकर जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ये द्विपक्षीय वार्ता बेहद अहम मानी जा रही है। बता दें कि ये वार्ता ऐसे समय पर हुई, जब अमेरिका ने रूस के साथ भारत के तेल व्यापार की सार्वजनिक रूप से निंदा की है।
गौरतलब है कि पिछले महीने ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऊर्जा खरीद के लिए अमेरिका जाने वाले भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। बता दें कि उन्होंने एशिया में सबसे अधिक टैरिफ भारत पर ही थोपा है। बावजूद इसके भारत ने रूस के साथ अपना व्यापार बंद नहीं किया। भारत ने स्पष्ट कहा कि उसकी ऊर्जा आयात नीतियों का मार्गदर्शन उसके राष्ट्रीय हितों द्वारा किया जाएगा।