नई दिल्ली (नेहा): यूपीआई ने अगस्त 2025 में डिजिटल भुगतान का नया रिकॉर्ड बनाया। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान लेनदेन की संख्या 20 अरब को पार कर गई और कुल लेनदेन राशि 24.85 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह पिछले साल की तुलना में 21% की वृद्धि है। मात्रा के लिहाज से लेनदेन 34% बढ़ा। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह उपलब्धि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती और वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाती है।
भारत में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ) की लोकप्रियता दिनोंदिन तेजी के साथ बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि अगस्त 2025 में यूपीआई ने डिजिटल लेनदेन के मामले में एक नया इतिहास रच दिया। भारतीय अगस्त के महीने में यूपीआई के जरिए पैसों की बरसात हो गई और इससे होने वाले लेनदेन की संख्या 20 अरब को पार कर गई, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती का बड़ा संकेत है। अगस्त में कुल 20.01 अरब यूपीआई लेनदेन दर्ज हुए। मूल्य के लिहाज से यह 24.85 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल अगस्त 2024 में यह आंकड़ा मात्र 14.9 अरब लेनदेन और 20.60 लाख करोड़ रुपये था। यानी लेनदेन की संख्या में 34% और मूल्य में 21% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
मई 2025 में यूपीआई लेनदेन मूल्य ने अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छुआ था, जो 25.14 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, जुलाई 2025 में मात्रा के लिहाज से 19.47 अरब लेनदेन हुए थे। अगस्त में यह संख्या पार कर नया रिकॉर्ड बना। हालांकि, मूल्य के मामले में यह जुलाई (25.08 लाख करोड़ रुपये) से थोड़ा कम रहा। अगस्त 2025 में प्रतिदिन औसतन 64.5 करोड़ यूपीआई लेनदेन हुए. इनका औसत मूल्य 80,177 करोड़ रुपये रहा। यह दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान अब न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण भारत में भी व्यापक स्तर पर अपनाया जा रहा है।