नई दिल्ली (नेहा): सराय काले खां नमो भारत स्टेशन दिल्ली सेक्शन का सबसे बड़ा स्टेशन होने के साथ-साथ इसकी पार्किंग भी दूसरे स्टेशनों के मुकाबले सबसे बड़ी होगी। पूरे कॉरिडोर पर सराय काले खां अकेला ऐसा स्टेशन होगा जहां चार रेल ट्रैक और छह प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं। स्टेशन के पास बनाई गई पार्किंग में 275 कारें और 900 से ज्यादा टू-वीलर खड़े किए जा सकेंगे। इतना ही नहीं ई-वीकल मालिकों को चार्जिंग के लिए यहां वहां भटकना न पड़े इसलिए पार्किंग में ई-चार्जिंग की सुविधा भी रहेगी।
एनसीआरटीसी का कहना है कि सराय काले खां स्टेशन की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि यह दिल्ली सेक्शन का पहला स्टेशन है। दूसरी सबसे बड़ी खासियत यह है कि बाकी सभी स्टेशनों पर दो ट्रैक और दो प्लेटफॉर्म होते हैं, लेकिन सराय काले खां स्टेशन पर चार ट्रैक और छह प्लेटफॉर्म है। क्योंकि दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के बीच जब 82 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार हो जाएगा तो भविष्य में दिल्ली एसएनबी अलवर और दिल्ली पानीपत करनाल कॉरिडोर के लिए अलग-अलग दिशाओं में जाने वाली ट्रेन इसी स्टेशन से चलेंगी। इसलिए यह स्टेशन बाकी स्टेशनों से हर मामले में अलग और खास है।
यह स्टेशन जहां एक तरफ 280 मीटर लंबे फुट ओवरब्रिज के माध्यम से हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। इतने लंबे फुट ओवरब्रिज पर भारी सामान के साथ सफर करने में किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए छह ट्रैवलेटर लगाए गए हैं। इसके अलावा स्टेशन सीधे तौर पर दिल्ली मेट्रो इंटरस्टेट बस अड्डे के साथ-साथ दिल्ली के लोकल बस अड्डे से भी जुड़ा हुआ है। एनसीआरटीसी का कहना है कि दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पूरा होने के बाद भले ही स्टेशन पर ज्यादा भीड़भाड़ न हो, लेकिन भविष्य में जैसे ही बाकी दोनों लाइन चालू होगी तो सराय काले खां स्टेशन एक बड़े ट्रांजिस्ट हब के रूप में उभरकर सामने आएगा।
इतने लोग स्टेशन पर आएंगे तो उन्हें अपनी गाड़ियां खड़ी करने के लिए पार्किंग भी चाहिए होगी। भविष्य की तैयारी के लिए एनसीआरटीसी ने पहले ही यहां बड़ा पार्किंग स्पेश तैयार किया है। स्टेशन में पांच एंट्री एग्जिट गेट, 14 लिफ्ट, 18 एस्केलेटर और कई सीढ़ियां बनाई गई है। स्टेशन पर सभी लिफ्ट और एस्केलेटर, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाए जा चुके हैं।