ब्रासीलिया (नेहा): ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को 2022 के चुनाव में हार के बाद सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश करने का दोषी पाया। कोर्ट के 5 जजों की बेंच में 4 ने उन्हें पांच अपराधों में दोषी ठहराया और 27 साल 3 महीने की जेल की सजा सुनाई। ब्राजील के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को तख्तापलट के लिए दोषी पाया गया हो। बोल्सोनारो, जो इस समय ब्रासीलिया में नजरबंद हैं, ने हमेशा इन आरोपों को गलत बताया है। उनके पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का हक है। कोर्ट के पास फैसला छापने के लिए 60 दिन का वक्त है, जिसके बाद बोल्सोनारो के वकील 5 दिन में स्पष्टीकरण के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं।
बोल्सोनारो को सजा सुनाते हुए जस्टिस कार्मेन लूसिया ने कहा, ‘सबूतों से साफ है कि बोल्सोनारो ने सत्ता हथियाने या बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। वह एक संगठित गिरोह के सरगना थे।’ जस्टिस अलेक्जेंडर डी मोरेस, जो इस केस की निगरानी कर रहे हैं, ने भी कहा कि बोल्सोनारो तख्तापलट की साजिश और आपराधिक संगठन के लीडर थे। सुनवाई के दौरान मोरेस ने 2021 से 2023 तक की कई वीडियो दिखाईं, जिनमें बोल्सोनारो अपने हजारों समर्थकों के सामने सुप्रीम कोर्ट को छोड़ने की बात कह रहे थे। इसके अलावा, 8 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्यालय में हुई तोड़फोड़ की फुटेज भी दिखाई गई।
प्रॉसिक्यूटर्स ने बोल्सोनारो पर कई गंभीर इल्जाम लगाए, जिनमें तख्तापलट की कोशिश, हथियारबंद आपराधिक संगठन का हिस्सा होना, लोकतांत्रिक व्यवस्था को हिंसा से खत्म करने की कोशिश और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है। मौजूदा राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने फैसले से पहले कहा, ‘बोल्सोनारो ने इस मुल्क में तख्तापलट की कोशिश की, और इसके सैकड़ों सबूत मौजूद हैं।’ हालांकि, जस्टिस फक्स ने इस फैसले से इत्तेफाक नहीं जताया। उन्होंने कहा, ‘किसी को सिर्फ सोचने की सजा नहीं दी जा सकती। तख्तापलट के लिए संगठित समूह, संसाधन और रणनीति की जरूरत होती है, जो इस केस में साबित नहीं हुआ।’
बोल्सोनारो के बड़े बेटे, सीनेटर फ्लावियो बोल्सोनारो ने इस फैसले को ‘सुप्रीम जुल्म’ करार दिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘इतिहास दिखाएगा कि हम सही थे।’ उनके छोटे बेटे, सांसद एडुआर्डो बोल्सोनारो ने अपने पिता की सजा का जिक्र करने के बजाय, उनके लिए संसद के जरिए माफी की मांग की। उन्होंने कहा, ‘अब वक्त है कि सही और इंसाफपसंद कदम उठाया जाए।’ पूर्व प्रथम महिला मिशेल बोल्सोनारो ने भी सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ऊपर एक ईश्वर है जो सब देखता है, जो इंसाफ से प्यार करता है और नाइंसाफी से नफरत करता है।’
यह मुकदमा ब्राजील की अवाम को बांटने वाला साबित हुआ है। कुछ लोग बोल्सोनारो के खिलाफ इस कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, जबकि उनके समर्थक इसे सियासी जुल्म बता रहे हैं। कई समर्थकों ने उनके हक में सड़कों पर प्रदर्शन भी किए। दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले पर नाराजगी जताई। व्हाइट हाउस से रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, ‘मैं इस सजा से बहुत नाखुश हूं। बोल्सोनारो एक बेहतरीन इंसान हैं, और यह फैसला ब्राजील के लिए बहुत बुरा है।’ ट्रम्प ने पहले ही बोल्सोनारो के मुकदमे को ‘सियासी साजिश’ बताते हुए ब्राजील से आयात होने वाली चीजों पर 50 फीसदी टैरिफ की धमकी दी थी।