नई दिल्ली (नेहा): राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत में अमेरिकी राजदूत पद के लिए नामित सर्जियो गोर ने कहा है कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली एक बड़े व्यापार समझौते के करीब हैं। उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को “दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक” बताया। यह बयान उस समय आया है जब हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण बयानबाजी देखने को मिली थी। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के समक्ष लंबी सुनवाई के दौरान गोर ने भारत को बार-बार “रणनीतिक साझेदार” और “क्षेत्रीय स्थिरता का आधार” बताया। उन्होंने खुलासा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के वाणिज्य और व्यापार मंत्री को अगले सप्ताह वॉशिंगटन आमंत्रित किया है और संभव है कि कुछ ही हफ्तों में व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके।
गोर ने कहा, “हम अभी भारतीयों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं। असल में, राष्ट्रपति ने उनके मंत्री को अगले सप्ताह बुलाया है। अब हम सौदे के बेहद अहम बिंदुओं पर बातचीत कर रहे हैं और बहुत दूर नहीं हैं।” पिछले महीने 25 अगस्त को नई दिल्ली में प्रस्तावित व्यापार वार्ता अचानक विफल हो गई थी। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए “क्रेमलिन का ऑयल मनी लॉन्ड्रोमैट” बनने का आरोप लगाया था और नई दिल्ली से अमेरिका बनाम रूस-चीन के बीच “चुनाव” करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजिंग में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मंच साझा किया था, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया। लेकिन इस सप्ताह माहौल बदला। ट्रंप और मोदी ने सकारात्मक बयान दिए, ट्रंप ने मोदी को “महान प्रधानमंत्री” कहा और दोनों नेताओं ने व्यापार वार्ता को जल्द निपटाने का भरोसा जताया।
गोर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच व्यक्तिगत संबंध इस पूरे समीकरण की कुंजी हैं। उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्रपति का प्रधानमंत्री मोदी के साथ गहरा दोस्ताना है, और यह कुछ अनोखा है। जब राष्ट्रपति भारत पर आलोचनात्मक रहे हैं, उन्होंने मोदी की खुलकर तारीफ भी की है।” सुनवाई के दौरान कई सीनेटरों ने भारत के रूस से तेल आयात पर चिंता जताई। समिति अध्यक्ष जिम रिश ने इन खरीदों को “खतरनाक” बताया। गोर ने कहा कि भारत को रूसी तेल से दूरी बनाने के लिए राजी करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होगा। उन्होंने सीनेटर लिंडसे ग्राहम के उस प्रस्ताव का भी हवाला दिया जिसमें रूसी तेल खरीदने वालों पर 500% टैरिफ लगाने की बात है।
गोर ने भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर होगा जिसमें- संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा उपकरणों का सह-विकास और बिक्री, तथा क्वाड ढांचे में मजबूत सहभागिता शामिल है। उन्होंने बताया कि हाल ही में अलास्का में 500 भारतीय सैनिकों ने अमेरिकी बलों के साथ अभ्यास किया है