नई दिल्ली (नेहा): चीन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन की मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्ते और परवान चढ़ते नजर आने लगे हैं। जब भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदने में अमेरिकी दबाव को मानने से इनकार कर दिया और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसकी सराहना की, तभी संकेत मिलने लगे कि दोनों देशों की दोस्ती अब नए मिसाल पेश करेगी। अब रुसी एंटी एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 और पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट एसयू-57 (Su-57) को लेकर जो खबरें मिल रही हैं, वह सुनकर तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पांव के नीचे से जमीन खिसक सकती है। खासकर तब, जब उन्होंने हाल में भारत को लेकर चिकनी चुपड़ी बातें करने की भी कोशिशें शुरू कर दी हैं।
रूस से और ज्यादा संख्या में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की बात कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह भारत के लिए बहुत ही काम का साबित हो चुका है और इसकी सराहना भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी इसे ‘गेम चेंजर’ बताकर कर चुके हैं। वह ये भी बता चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र सेना ने पांच पाकिस्तानी जेट और एक एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट को भी मार गिराया जो भारत के द्वारा सबसे बड़ा सर्फेस टू एयर हमला है।
भारत रूस से और ज्यादा संख्या में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदना चाहता है, ऐसी खबरें पहले से रही हैं। लेकिन, इसको लेकर डील अब चर्चा के स्तर पर है। रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन के प्रमुख दिमित्री शुगायेव के हवाले से कहा है, ‘इस क्षेत्र में भी सहयोग के विस्तार का अवसर है। इसका मतलब है, नई सप्लाई। अभी तक हम इसको लेकर बातचीत कर रहे हैं।’ भारत ने रूस से 2018 में 5 एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए 40,000 करोड़ रुपये का करार किया था। इनमें से तीन पहले ही भारत को मिल चुके हैं और यह अपना जलवा भी दिखा चुके हैं। बाकी दो सिस्टम 2026 और 2027 में पहुंचने की संभावना है।
इसी दौरान रूस भारत में अपने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट एसयू-57 के उत्पादन के लिए फिजिबिलिटी स्टडीज करवा रहा है। आज भारतीय वायुसेना के पास रडार को चकमा देने वाले स्टील्थ फाइटर जेट नहीं हैं। जबकि चीन जैसे ताकतवर पड़ोसी पहले से ही ऐसे जे-20 (J-20) फाइटर जेट उड़ा रहा है और वह जानकारी के मुताबिक छठी पीढ़ी के फाइटर का परीक्षण भी शुरू कर चुका है। पिछले साल यह भी रिपोर्ट आ चुकी है कि चीन अपने नालायक दोस्त पाकिस्तान को भी जे-20 देने पर विचार कर रहा है।
जहां तक भारत के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट(AMCA) की बात है तो इसके 2030 के दशक के मध्य से पहले संचालन में आने की संभावना नहीं है, अलबत्ता फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी सफ्रान ने जेट इंजन के 100 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की राह दिखाकर उम्मीद जरूर बढ़ी दी है।