नई दिल्ली (नेहा): भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान में सिख जत्थे के जाने के आदेश संबंधी पत्र जारी करने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। SGPC सचिव प्रताप सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के नाम पर जत्थों को पाकिस्तान जाने से रोकना सरकार की बड़ी विफलता है। प्रताप सिंह ने कहा कि यह पत्र सीधे एसजीपीसी के पास नहीं पहुंचा, बल्कि राज्य सरकार को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने वाले जत्थे को रोका गया है।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार को सुरक्षा व्यवस्था करने में कोई कठिनाई होती, तो वह स्वयं जत्थे को अनुमति नहीं देते। लेकिन अगर पाकिस्तान सरकार सिख तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति देने को तैयार है, तो भारत सरकार की ओर से उन्हें रोकना अनुचित है। उन्होंने तर्क दिया कि सिख समुदाय का किसी भी समुदाय या धर्म से कोई विरोध नहीं है। गुरु नानक देव जी ने मानवता को प्रभु का नाम जपने, कड़ी मेहनत करने और विभाजन से बचने का संदेश दिया। इसी संदेश के अनुसार सिख धर्मस्थलों के दर्शन करने जाते हैं। इसलिए जत्थे को रोकना धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।