नई दिल्ली(लक्ष्मी): आज के समय में लगभग हर किसी का बैंक अकाउंट होता है। सैलरी सरकारी सब्सिडी, स्कॉलरशिप से लेकर निवेश और लोन तक, हर लेन-देन अब बैंक खाते से जुड़ा हुआ है लेकिन अक्सर लोग एक छोटी-सी लापरवाही कर देते है। जिसकी वजह से उनके परिवार को भविष्य में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह गलती है बैंक खाते में नॉमिनी न जोड़ना। अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं है।तो परिवार को कानूनी प्रक्रियाओं और लंबी अदालतबाजी से गुजरना पड़ सकता है।
नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जिसे अकाउंट होल्डर अपने खाते का उत्तराधिकारी घोषित करता है यानी अगर खाताधारक के साथ कोई अनहोनी हो जाए, तो बैंक सीधे उस नॉमिनी को पैसा ट्रांसफर कर देता है। इसके लिए सिर्फ मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान पत्र जैसे कुछ दस्तावेज ही जरूरी होते हैं।
अगर अकाउंट में नॉमिनी नहीं है।तो बैंक पैसा सीधे किसी को नहीं देता। तब रकम पाने के लिए परिवार को यह साबित करना पड़ता है कि वे कानूनी उत्तराधिकारी हैं। इसके लिए कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जैसे कागज़ हासिल करने पड़ते हैं। यह प्रक्रिया लंबी, महंगी और तनाव देने वाली होती है।
खाता खोलते समय या बाद में भी, कोई भी ग्राहक अपने जीवनसाथी, बच्चों, माता-पिता, भाई या बहन को नॉमिनी बना सकता है। यह आपके परिवार के लिए एक सुरक्षा कवच है, जिससे वे भविष्य में किसी परेशानी से बच पाएंगे।