नई दिल्ली (नेहा): जापानी शोधकर्ताओं के एक दल को उसके अध्ययन के लिए इग नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दल ने पता लगाया कि ज़ेबरा जैसी धारियों से गायों को रंगने पर वे मक्खियों के काटने से बच सकती हैं या नहीं। दल को बृहस्पतिवार को जीव विज्ञान के क्षेत्र में इस वर्ष का पुरस्कार प्रदान किया गया। इग नोबेल पुरस्कार, नोबेल पुरस्कार की पैरडी है। 1991 में एक अमरीकी विज्ञान पत्रिका ने ऐसे शोध को मान्यता देने के लिए इसकी शुरुआत की थी जो लोगों को हँसाता है और फिर सोचने पर मजबूर करता है।
जापानी दल उन पूर्व अध्ययनों से प्रेरित हुआ जिनमें बताया गया था कि ज़ेबरा का धारीदार फ़र मक्खियों को काटने से रोक सकता है। उसने यह भी अनुमान लगाया कि गायों को भी इसी तरह काले और सफ़ेद रंग की धारियों से रंगकर उनकी सुरक्षा की जा सकती है। दल ने जापानी काली गायों पर प्रयोग किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि रंगी हुई गायों के पैरों और शरीर पर काटने वाली मक्खियों की संख्या, सामान्य गायों की संख्या से आधी से भी कम थी।
दल का कहना है कि इस अध्ययन के परिणामों का उपयोग मवेशियों का तनाव कम करने तथा पशुओं को काटने वाली मक्खियों से बचाने के वैकल्पिक तरीके विकसित करने के लिए किया जा सकता है। राष्ट्रीय कृषि एवं खाद्य अनुसंधान संगठन के कोजिमा तोमोकि शोधकर्ताओं में से एक हैं। उन्होंने बताया कि यह अध्ययन तब शुरू हुआ जब एक पशुपालक ने उनसे अपने पशुओं को काटने वाले कीड़ों से बचाने के बारे में सलाह माँगी। कोजिमा ने कहा कि दल की इस विधि से कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में मदद मिल सकती है।