नई दिल्ली (नेहा): इस समय कई कंपनियां शेयर मार्केट में एंट्री करने के लिए तैयार है। अब डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे भी इस दौड़ में कूद गई है। कंपनी आईपीओ के जरिए करीब 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपये) जुटाने की सोच रही है। इससे फोनपे की वैल्यू लगभग 15 बिलियन डॉलर हो सकती है।
कंपनी ने बताया कि उन्होंने सेबी, बीएसई और एनएसई के पास आईपीओ के लिए जरूरी पेपर जमा कर दिए हैं। सेबी के नियमों के अनुसार यह प्रक्रिया की गई है। कंपनी ने यह भी कहा कि कागजात जमा करने का मतलब यह नहीं है कि आईपीओ निश्चित रूप से आएगा ही। कंपनी ने इकनॉमिक टाइम्स के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि उन्होंने यह कदम सेबी के नियमों का पालन करते हुए उठाया है। फोनपे से पहले डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम और मोबिक्विक भी शेयर मार्केट में एंट्री कर चुकी हैं।
फोनपे के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें, तो कंपनी का घाटा कम हुआ है। 2024-25 में कंपनी का घाटा 13.4% घटकर 1,727.4 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल यह घाटा 1,996.1 करोड़ रुपये था। कंपनी की कमाई में बढ़ोतरी हुई है, जिससे घाटा कम करने में मदद मिली। कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू 40.4% बढ़कर 7,114.8 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 5,064.1 करोड़ रुपये थी।
कंपनी का खर्च भी बढ़ा है। यह 21.1% बढ़कर 9,394 करोड़ रुपये हो गया। खर्च बढ़ने का कारण पेमेंट प्रोसेसिंग चार्ज और कर्मचारियों की लागत में वृद्धि है। पेमेंट सेटलमेंट फीस 44.7% बढ़कर 1,688.1 करोड़ रुपये हो गई, जबकि कर्मचारियों के फायदे पर होने वाला खर्च 13.6% बढ़ा है।