नई दिल्ली (पायल): भारतीय राजनीति में एक लंबा और प्रभावशाली सफर तय करने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा का आज निधन हो गया। उनके जाने से भारतीय जनता पार्टी ने न केवल अपने एक अनुभवी नेता को खो दिया है, बल्कि दिल्ली की राजनीति ने भी अपनी एक अहम आवाज़ को अलविदा कह दिया।
वीके मल्होत्रा उन नेताओं में से थे जिनका राजनीतिक अनुभव और योगदान दशकों तक पार्टी की दिशा तय करता रहा। वे पांच बार लोकसभा सदस्य चुने गए और दो बार दिल्ली विधानसभा के लिए विधायक भी रहे। राजधानी दिल्ली में भाजपा का चेहरा माने जाने वाले मल्होत्रा ने पार्टी की जड़ों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
साल 2008 में जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए, तब भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उस समय वे पार्टी के सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय चेहरों में से एक थे। उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक अनुभव के चलते उन्हें यह अहम ज़िम्मेदारी दी गई थी।
उनकी राजनीतिक उपलब्धियों में एक बड़ी जीत वह भी रही जब उन्होंने 1999 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को हराया था। यह मुकाबला दिल्ली की साउथ दिल्ली सीट पर हुआ था, जहां मल्होत्रा को 2,61,230 वोट मिले थे जबकि मनमोहन सिंह को 2,31,231 मत प्राप्त हुए थे। यह अंतर लगभग 30,000 वोटों का था, जिसने राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा पैदा की थी।