नई दिल्ली (नेहा): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया था। चीन, यूरोप और भारत जैसे देशों पर अमेरिकी शुल्क नीति का सीधा असर देखा गया। हालांकि, अब भारत के लिए राहत की खबर आई है। ट्रंप प्रशासन ने जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ लगाने की योजना को स्थगित कर दिया है।
यह निर्णय भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली सस्ती दवाओं का बड़ा हिस्सा भारत से ही निर्यात होता है। अगर यह टैरिफ लागू हो जाता, तो भारतीय दवाएं अमेरिकी बाजार में महंगी पड़ जातीं, जिससे उनकी मांग घट सकती थी और आम अमेरिकी नागरिकों को भी दवाओं के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती।
अमेरिका में उपयोग की जाने वाली करीब 47% जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं। इस वजह से भारत को अक्सर “Pharmacy of the World” कहा जाता है। भारत की दवा कंपनियां डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और एंटीबायोटिक जैसी अहम दवाओं का निर्यात करती हैं। इन दवाओं की कीमत अमेरिका में स्थानीय उत्पादन की तुलना में काफी कम होती है, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलती है।