लंदन (पायल): भारत की तरह ब्रिटेन में भी डिजिटल पहचान पत्र यानी कि आधार जैसा ID कार्ड बनाया जा सकता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का मानना है कि भारत का आधार मॉडल उनकी योजना के लिए एक बड़ा उदाहरण है। हाल ही में भारत दौरे पर मुंबई पहुंचे स्टार्मर की पहली मुलाकात इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि से हुई। इस मुलाकात का मकसद था भारत के आधार प्रणाली से प्रेरणा लेकर ब्रिटेन में डिजिटल पहचान पत्र शुरू करने की योजना पर चर्चा करना।
ध्यान रहे कि पिछले महीने स्टार्मर ने ऐलान किया था कि ब्रिटेन के नागरिकों और स्थायी निवासियों को नौकरी पाने के लिए डिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य होगा। उनका कहना है कि यह प्रणाली अवैध आव्रजन को रोकने और भूमिगत अर्थव्यवस्था में काम को मुश्किल करने में मदद करेगी। इसके अलावा, यह स्वास्थ्य सेवाओं, कल्याण योजनाओं और बच्चों की देखभाल जैसी सुविधाओं तक पहुंच को आसान बनाएगी। स्टार्मर ने कहा, “बिना डिजिटल पहचान पत्र के ब्रिटेन में नौकरी नहीं मिलेगी। यह बहुत आसान है।”
ब्रिटेन में इस योजना का हो रहा भारी विरोध
हालांकि, ब्रिटेन में इस योजना का भारी विरोध हो रहा है। सभी विपक्षी दल इसके खिलाफ हैं। उनका कहना है कि डिजिटल पहचान पत्र निजता पर हमला है और व्यक्तिगत जानकारी को खतरे में डाल सकता है। लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम बेल के अनुसार, ब्रिटेन में लोग पारंपरिक रूप से ‘कागजात दिखाओ’ जैसे समाज के खिलाफ रहे हैं। फिर भी, वे मानते हैं कि डिजिटल पहचान पत्र सरकारी और निजी सेवाओं तक पहुंच को आसान बना सकता है।