नई दिल्ली (नेहा): 1982 की क्लासिक फिल्म नदिया के पार, जिसने भोजपुरी भाषा और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी, 43 साल बाद बड़े पर्दे पर वापस आ रही है। पटना में इसकी एक स्पेशल स्क्रीनिंग होगी, जिसका मकसद बिहार के युवाओं को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से फिर से जोड़ना है। राजश्री प्रोडक्शंस की यह मशहूर फिल्म एक राज्य-समर्थित पहल के तहत दिखाई जाएगी, जो परंपरा, सामाजिक मूल्यों और लोक विरासत पर आधारित सिनेमा का जश्न मनाती है।
बिहार स्टेट फिल्म डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉर्पोरेशन के वीकली प्रोग्राम ‘कॉफी विद फिल्म’ के तहत गांधी मैदान स्थित रीजेंट सिनेमा कैंपस के हाउस ऑफ वैरायटी में ‘नदिया के पार’ की स्पेशल स्क्रीनिंग हो रही है। बिहार सरकार के कला, संस्कृति और युवा विभाग द्वारा आयोजित यह पहल नियमित रूप से ऐसी फिल्में दिखाती है जो बिहार की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती हैं और इसके बाद युवा दर्शकों को जोड़ने के लिए चर्चा भी होती है।


