नई दिल्ली (पायल ): धरती से परे इंसान कहां बस सकता है, यह अब कपोल-कल्पना की बात नहीं रही। स्पेस एजेंसीज से लेकर प्राइवेट कंपनियां भी इस रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने ‘Skyeports’ नाम की कैलिफोर्निया स्थित कंपनी के साथ मिलकर चांद पर इंसानों के रहने लायक ‘ग्लास स्फेयर सिटी’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
इन विशालकाय ग्लास डोम्स को चांद की मिट्टी यानी ‘लूनर रिगोलिथ’ से बनाया जाएगा। यह वही धूल है जो चांद की सतह पर बिखरी रहती है। इसमें चट्टानों के टुकड़े, खनिज और सिलिकेट्स पाए जाते हैं। इसी रिगोलिथ से NASA अब ऐसे पारदर्शी घर बनाएगा जो अपने आप ऊर्जा पैदा करेंगे, ऑक्सीजन देंगे और पौधों के लिए एक मिनी इकोसिस्टम तैयार करेंगे।
Skyeports कंपनी के CEO डॉ. मार्टिन बर्मुडेज़ ने बताया कि यह प्रोजेक्ट NASA के Innovative Advanced Concepts (NIAC) प्रोग्राम का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘हम मून डस्ट को माइक्रोवेव फर्नेस में पिघलाकर गैस के जरिए उड़ा देंगे। जब ये पिघला हुआ पदार्थ लो ग्रैविटी में बाहर निकलेगा तो अपने आप गोल आकार ले लेगा और स्फेयर बन जाएगा।’ जब ये ग्लास ठंडा होकर सख्त हो जाएगा, तो वही स्फेयर रहने के लिए घर बन जाएगा। इसके अंदर की फिटिंग्स लूनर मैटीरियल से 3D प्रिंट की जाएंगी। पाइप्स जो शुरू में एयरफ्लो के लिए थे, उन्हें बाद में दरवाजों के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
‘सोलर ग्लास’ जो खुद बिजली बनाएगा
Skyeports के मुताबिक, ये ग्लास स्फेयर अपने अंदर सोलर एनर्जी सिस्टम समेटे होंगे। पारदर्शी ग्लास खुद बिजली पैदा करेंगे। इस बिजली से पूरे बेस को पावर मिलेगा. एक बड़ा स्फेयर मेगावॉट्स बिजली पैदा कर सकता है। NASA अधिकारी क्लेटन टर्नर ने कहा, ‘हमारा हर अगला giant leap इनोवेशन पर निर्भर करता है। ऐसे कॉन्सेप्ट भविष्य में अंतरिक्ष को एक्सप्लोर करने का तरीका बदल देंगे।’