हैदराबाद (राघव ): तेलंगाना में चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने तिरुपति प्रसाद को लेकर मचे बवाल पर कहा है कि यह केवल एक विवाद नहीं है, बल्कि इससे करोड़ों लोगों की सीधे तौर पर भावनाएं आहत हुई हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने कहा, ‘पिछले दो दिनों से मैं तिरुपति लड्डू पर विवाद के बारे में मीडिया रिपोर्ट देख रहा हूं। यह कोई विवाद नहीं है, इससे हम जैसे करोड़ों लोगों की भावनाओं को सीधे तौर पर ठेस पहुंची है। इनमें से अधिकतर लोग सनातन धर्म में आस्था रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं।’
गराजन ने प्रसाद लड्डू बनाने की निविदा प्रक्रिया की भी आलोचना की और कथित मिलावट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘जो हुआ है, वह यह है कि हम पहले से ही निविदा प्रक्रिया के बारे में कह रहे हैं, जब आप लड्डू के लिए सामग्री खरीदते हैं तो आप सबसे कम बोली लगाने वाले को चुनते हैं।’ उन्होंने कहा कि जिस क्षण आप सबसे कम बोली लगाने वाले को चुनते हैं, आप मुसीबत को आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वास्तव में आज सबसे अच्छा गाय का घी 1000 प्रति किलोग्राम से कम नहीं हो सकता। कोई व्यक्ति 320 रुपये कैसे बोल सकता है? यदि कोई 320 रुपये बोलता है तो हर पैकेट मिलावटी है। यह एक बड़ा दुखद मुद्दा है, हमें दोषी को ढूंढ़ना होगा और उसके खिलाफ मामला दर्ज करना होगा।’
मुख्य पुजारी ने मंदिरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षा बोर्ड के गठन के लिए आंध्र के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के आह्वान की सराहना की। रंगराजन ने कहा, ‘मैं आंध्र के डिप्टी सीएम पवन कल्याण के बयान की सराहना करता हूं, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक परिरक्षक परिषद होनी चाहिए। हम एक केंद्रीय धार्मिक परिषद चाहते हैं, जिसे धार्मिक प्रमुख, माताधिपति, पिताधिपति और सेवानिवृत्त न्यायाधीश चलाएंगे। यदि उनके पास एक केंद्रीय धार्मिक परिषद है तो मंदिर उसके अधीन चल सकते हैं, यही सबसे अच्छा समाधान है।’