नई दिल्ली (पायल): चीन ने रविवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध से नहीं डरता, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर कड़े नए प्रतिशोधी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका “टेक्स्टबुक डबल स्टैंडर्ड” अपनाता आया है। उन्होंने ट्रंप के उस प्रस्ताव की आलोचना की, जिसमें कहा गया कि चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी (Rare Earths) खनिजों पर लगाए गए नए एक्सपोर्ट नियंत्रणों के जवाब में अमेरिकी आयात पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
अमेरिका और चीन के बीच तनाव उस समय बढ़ा जब चीन ने दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की नई एक्सपोर्ट पॉलिसी लागू की। चीन के नए नियमों के तहत विदेशी कंपनियों को 0.1% से अधिक चीन-निर्मित दुर्लभ पृथ्वी वाले उत्पादों को एक्सपोर्ट करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। सैन्य उपयोग वाली वस्तुओं के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। चीन ने इसे “वैध अंतरराष्ट्रीय कदम” बताया और कहा कि इसका वैश्विक सप्लाई चेन पर बहुत सीमित प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि 1 नवंबर से चीन से आयातित वस्तुओं पर 100% टैरिफ लागू होगा। साथ ही अमेरिका ने घोषणा की कि “सभी महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर” पर एक्सपोर्ट कंट्रोल भी लगाया जाएगा। उनके इस बयान के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट में $2 ट्रिलियन का नुकसान दर्ज किया गया।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का फायदा उठाकर चीन के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन व्यापार युद्ध नहीं चाहता, लेकिन डरता भी नहीं। चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका की 3,000 से अधिक वस्तुओं पर नियंत्रण सूची चीन की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। वहीं, चीन की एक्सपोर्ट कंट्रोल सूची में लगभग 900 डुअल-यूज़ वस्तुएं शामिल हैं।
चीन विश्व की लगभग 70% दुर्लभ पृथ्वी की आपूर्ति करता है। ये खनिज हाई-टेक उद्योग और रक्षा उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण हैं। चीन ने अमेरिकी जहाजों से 14 अक्टूबर से बंदरगाह शुल्क लगाने की भी घोषणा की, जो अमेरिका द्वारा चीन के जहाजों पर शुल्क लगाने के जवाब में किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से वैश्विक सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है।
मई 2025 में जेनेवा, जून में लंदन और जुलाई में स्टॉकहोम में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी व्यापार वार्ता के लिए मिले। सितंबर में मैड्रिड में भी व्यापार बैठक हुई, जिसमें चीनी-स्वामित्व वाली TikTok की अमेरिकी डिवेस्टमेंट पर “बेसिक फ्रेमवर्क” तैयार किया गया। हाल ही में ट्रंप ने संकेत दिया कि चीन की दुर्लभ पृथ्वी नीति के बाद वह अक्टूबर में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग फोरम में Xi Jinping से होने वाली बैठक रद्द कर सकते हैं।