श्रीनगर (पायल): श्रीनगर में पकड़े गए एक चीनी नागरिक के मामले ने सुरक्षा हलकों में हलचल पैदा कर दी है। यह युवक पर्यटक वीज़ा पर भारत पहुंचा था, लेकिन जिस तरह वह बिना अनुमति संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्रों में घूमता रहा, उसने जांच एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। अब उसके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसने कोई गोपनीय जानकारी तो साझा नहीं की।
हू कॉन्गताई नाम का यह 29 वर्षीय व्यक्ति 19 नवंबर को दिल्ली पहुंचा था। उसके वीज़ा में केवल कुछ चुनिंदा बौद्ध धार्मिक स्थलों की यात्रा की अनुमति थी- जैसे वाराणसी, आगरा, दिल्ली, जयपुर, सारनाथ, गया और कुशीनगर। इसके बावजूद वह लद्दाख के लेह, जांस्कर और कश्मीर घाटी के कई संवेदनशील इलाकों में घूमता रहा।
जांस्कर में उसने तीन दिन बिताए और ऐसे स्थानों का दौरा किया जिन्हें रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वह न केवल वहां घूमता रहा, बल्कि उसने किसी भी FRRO कार्यालय में पंजीकरण भी नहीं करवाया, जो विदेशी नागरिकों के लिए अनिवार्य है।
उसका ट्रैवल रूट कई ऐसी जगहों से होकर गुज़रा, जहां आमतौर पर सुरक्षा कारणों से विदेशी पर्यटकों को रोक दिया जाता है। उसने दक्षिण कश्मीर के हावड़वान स्थित बौद्ध मठ और अवंतीपोरा के बौद्ध अवशेष देखे-जो सेना की विक्टर फ़ोर्स मुख्यालय के बेहद करीब हैं। इसके अलावा उसने हज़रतबल, शंकराचार्य हिल, डल झील और मुगल गार्डन जैसे स्थानों का भी दौरा किया।
भारत आने के तुरंत बाद उसने खुले बाजार से भारतीय सिम कार्ड भी हासिल कर लिया, जो संदेह को और गहरा करता है। उसके फोन में CRPF तैनाती और अनुच्छेद 370 हटाए जाने से जुड़े विषयों की ऑनलाइन खोजें मिली हैं। जांचकर्ता यह भी पता लगाने में जुटे हैं कि क्या उसने कुछ ब्राउज़िंग डेटा हटाया है।
पूछताछ के दौरान उसने बार-बार यह कहने की कोशिश की कि उसे वीज़ा नियमों की जानकारी नहीं थी। वह खुद को एक शौकिया यात्री बता रहा है और दावा करता है कि उसने बोस्टन यूनिवर्सिटी में फिज़िक्स पढ़ी है तथा पिछले नौ साल से अमेरिका में रह रहा था। उसके पासपोर्ट पर अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, ब्राज़ील, फिजी और हांगकांग जैसे देशों की यात्रा मुहरें भी मिली हैं।
हू को श्रीनगर एयरपोर्ट के पास हमहामा पुलिस पोस्ट लाकर पूछताछ की जा रही है। एजेंसियों का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि उसने भारत में रहकर वास्तव में क्या किया और किन उद्देश्यों से इतने संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा की।


