चंड़ीगर (नेहा): पंजाब में लगातार बरसात और बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने से हालात बिगड़ गए हैं। सड़कें बह जाने की वजह से कई गांवों का संपर्क कट चुका है। घरों को नुकसान पहुंचा है। लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। वहीं लोगों को जान माल की चिंता सता रही है। हजारों एकड़ भूमि, फसलें, नदियों के किनारे बसे गांव डूब चुके हैं। पंजाब में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। डैमों से पानी छोड़ने के कारण बुधवार को पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का में बाढ़ आ गई है।
गुरदासपुर के दबुरी स्थित नवोदय विद्यालय में 400 से ज्यादा स्टूडेंट्स और टीचर्स बाढ़ में फंस गए हैं। स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर 5 फीट पानी भर गया है। बच्चों को फर्स्ट फ्लोर पर रखा गया है। स्टूडेंट्स और टीचर्स को निकालने के लिए NDRF और सेना की टीमें भेजी गई हैं। राज्य में भारी बारिश के चलते आज ही सभी स्कूलों को 30 अगस्त तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, रावी नदी में बाढ़ के चलते करतारपुर साहिब कॉरिडोर में भी 7 फीट तक पानी भर गया है। इसके कारण पाकिस्तान का श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भी डूब गया है।
पंजाब के CM भगवंत मान गुरदासपुर पहुंचे हैं। वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं। सीएम ने कहा कि यहां आकर पता चला है कि कई गांवों में लोग फंसे हुए हैं। लोग घरों की छतों पर बैठे हैं और उन्हें राशन भी नहीं मिल पा रहा है। सीएम ने कहा, “लोगों ने हमें 92 सीटें देकर हेलिकॉप्टर दिया था। अब मैं वही हेलिकॉप्टर लोगों के हवाले कर रहा हूं। इसे यहीं पर छोड़ रहा हूं ताकि इसके माध्यम से लोगों तक दूध, राशन और पानी पहुंचाया जा सके। इसके लिए डीसी साहब को निर्देश दे दिए हैं। मैं खुद कार से वापस चला जाऊंगा।