नई दिल्ली (नेहा): मानसून में जलभराव की समस्या न हो इसे लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। जलभराव वाले स्थानों के लिए लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। यदि कहीं जलभराव हुआ तो संबंधित अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई होगी। उन्हें निलंबित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के साथ बैठक कर जलभराव रोकने और सड़कों की दशा सुधारने के लिए चल रहे काम की समीक्षा की। बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा और मुख्य सचिव धर्मेंद्र भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रत्येक स्थान पर निगरानी और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। नोडल अधिकारियों को एक सप्ताह में अपने क्षेत्र के लिए ठोस एक्शन प्लान प्रस्तुत करने को कहा गया है।
सात अति संवेदनशील जलभराव वाले स्थान मिंटो ब्रिज, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, डब्ल्यूएचओ के सामने रिंग रोड, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड, जखीरा फ्लाईओवर के नीचे, लोनी रोड गोलचक्कर, कराला कंझावला की सीधी निगरानी प्रमुख सचिव और मुख्य अभियंता करेंगे। यातायात पुलिस द्वारा वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत जल भराव वाले 335 स्थानों की पहचान की गई थी। इनमें से 284 स्थलों पर काम पूरा हो चुका है। शेष स्थानों पर काम किया जा रहा है। इन सभी स्थानों पर सहायक और कनिष्ठ अभियंता को स्थानीय इंचार्ज के रूप में नियुक्त किया है। इन अधिकारियों को जल निकासी व्यवस्था, उपकरणों की उपलब्धता, साइट की निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार बनाया गया है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि मानसून से पहले सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी हों। अधिकारियों को सिर्फ यातायात पुलिस द्वारा दी गई जानकारी पर निर्भर रहने की जगह जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जलभराव वाले अन्य स्थानों की भी पहचान करने को बोला गया है। नालों की सफाई, मरम्मत सहित अन्य आवश्यक काम शीघ्र पूरा करने को कहा गया है।