नई दिल्ली (राघव): यमुना नदी को साफ और स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने एक नई पहल करते हुए केंद्र सरकार से नदी के किनारे निगरानी के लिए प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) तैनात करने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार इस बारे में जानकारी दी। यह बात उन्होंने महीने भर चलने वाले ‘दिल्ली को कूड़े से आजादी’ स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेने के दौरान कही। इसके लिए वर्मा आईटीओ के पास स्थित यमुना घाट पहुंचे, जहां उन्होंने सफाई अभियान में हिस्सा लेते हुए घाट पर मौजूद कचरे को हटाया और लोगों से नदी के आसपास कूड़ा न फैलाने की अपील की।
प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘हमने देखा है कि लोग नदी पर पूजा-पाठ करने आते हैं, लेकिन उसके आसपास प्लास्टिक की थैलियां फेंक जाते हैं। आज मैं इस अभियान में हिस्सा लेने और नागरिकों से प्लास्टिक की थैलियों और पूजन सामग्री को निर्धारित स्थानों पर फेंकने का आग्रह करने यमुना घाट आया हूं ताकि क्षेत्र को स्वच्छ रखा जा सके।’
मंत्री ने कहा, ‘प्रादेशिक सेना की तैनाती के संबंध में एक प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है और उम्मीद है कि इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।’ आगे वर्मा ने कहा कि नदी को स्वच्छ रखने के लिए जनता में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार यमुना की सफाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है। नदी को कूड़े-कचरे, खनन, अतिक्रमण और जल चोरी से बचाने के लिए प्रादेशिक सेना तैनात करने के प्रस्ताव पर इस साल अप्रैल में पहली बार चर्चा हुई थी। वर्मा ने कहा, ‘इसका उद्देश्य भागीदारी की एक श्रृंखला बनाना है जहां व्यक्ति, परिवार और समुदाय अपने आसपास की सफाई की जिम्मेदारी लें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।’
बता दें कि टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) भारतीय सेना का ही एक अंशकालिक आरक्षित बल है, जो सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस के रूप में काम करता है और आपात स्थितियों, प्राकृतिक आपदाओं और आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने में मदद करता है। टेरिटोरियल आर्मी में शामिल लोग, अपनी नियमित नौकरी या व्यवसाय के साथ-साथ, सेना में भी सेवा देते हैं।