नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली पुलिस में बुधवार को तब नई ऊर्जा का संचार हुआ, जब झरोड़ा कलां स्थित दिल्ली पुलिस अकादमी में 291 नए सदस्यों ने पासिंग आउट परेड के बाद शपथ लेकर बल में शामिल हुए। विभिन्न कैडर के इन युवाओं के जुड़ने से न सिर्फ पुलिस बल संख्या में मजबूत हुई है, बल्कि आधुनिक प्रशिक्षण व विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि से लैस यह नई पीढ़ी दिल्ली में कानून-व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करने में अहम भूमिका निभाएगी।
उच्च शिक्षित व विविध पृष्ठभूमि वाले युवा हुए शामिल: इस बैच में 4 DANIPS प्रोबेशनर, 135 PSI, 133 रिक्रूट कॉन्स्टेबल और 19 अन्य कैडर के प्रशिक्षु शामिल हैं। इन प्रशिक्षुओं की शैक्षिक योग्यता भी बताती है कि पुलिस में अब शिक्षित व तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं का प्रवेश लगातार बढ़ रहा है। कई बीटेक, बीफार्मा, एलएलबी और यहां तक कि पोस्टग्रेजुएट डिग्रीधारी भी इस बैच का हिस्सा हैं। इससे दिल्ली पुलिस की भविष्य की कार्यशैली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां तकनीक, साइबर अपराध व डेटा-आधारित जांच अहम भूमिका निभाते हैं।
नई टीम को फील्ड में भेजने से पहले उन्हें अकादमिक से लेकर अत्याधुनिक पुलिसिंग तक की व्यापक ट्रेनिंग दी गई है. जिसमें नए क्रिमिनल लॉ, साइबर क्राइम, फॉरेंसिक और केस इन्वेस्टिगेशन की पढ़ाई, कमांडो कोर्स, आईईडी विस्फोटक, अर्बन इंटरवेंशन, रेड-अैम्बुश जैसी विशेष ट्रेनिंग, दंगों से निपटने, आपदा प्रबंधन, हथियार संचालन व शारीरिक फिटनेस पर विशेष फोकस आदि की ट्रेनिंग हैं। यह प्रशिक्षण बताता है कि पुलिस अपनी नई टीम को केवल पारंपरिक पुलिसिंग नहीं, बल्कि आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से लड़ने के लिए भी तैयार कर रही है।
फोर्स की संख्या बढ़ने से फील्ड में पुलिस की मौजूदगी मजबूत होगी, जिससे गश्त बढ़ेगी, त्वरित प्रतिक्रिया में सुधार होगा, भीड़भाड़, त्योहारों, वीआईपी मूवमेंट व बड़े आयोजनों की सुरक्षा आसान होगी. तकनीकी रूप से प्रशिक्षित जवान साइबर अपराध पर और प्रभावी तरीके से कार्रवाई कर सकेंगे। नई क्रिमिनल लॉ की समझ, टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया आधारित अपराधों की पहचान, डेटा एनालिसिस और डिजिटल फॉरेंसिक में दक्षता।
बैच में शामिल कई महिला प्रशिक्षुओं की मौजूदगी संवेदनशील मामलों में राहत व भरोसा बढ़ाएगी। आतंकवाद व संगठित अपराध के खिलाफ मुकाबले की क्षमता बढ़ेगी। कमांडो ट्रेनिंग, एंटी-टेरर एक्सरसाइज, अर्बन ऑपरेशन दक्षता की ट्रेनिंग दी गई है। अधिक संख्या में प्रशिक्षित अधिकारी होने से थानों पर काम का बोझ कम होगा। जांच की गति और गुणवत्ता दोनों बेहतर होंगी साथ ही संकट की घड़ी में पुलिस की प्राथमिक प्रतिक्रिया समय घटेगा।
दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने कहा कि साफ संदेश दिया कि आधुनिक पुलिसिंग में नैतिकता, टेक्नोलॉजी व जनता की अपेक्षाओं को समझना सबसे महत्वपूर्ण है। खासतौर पर सोशल मीडिया पर गलत सूचना के दौर में तकनीक का सही उपयोग व संवेदनशीलता बनाए रखना जरूरी है। पासिंग आउट परेड मात्र प्रशिक्षण का अंत नहीं है बल्कि दिल्ली जैसे व्यस्त महानगर की सुरक्षा में नई जिम्मेदारी की शुरुआत है। उम्मीद की जा रही है कि नई पीढ़ी के ये 291 प्रशिक्षु अपने ताजे प्रशिक्षण, तकनीकी समझ व ऊर्जा के साथ राजधानी में कानून-व्यवस्था को नई मजबूती देंगे।


