नई दिल्ली (नेहा): क्राइम ब्रांच की टीम ने भारत और पड़ोसी देशों के बीच संचालित सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दस आरोपितों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपितों की पिछली आपराधिक संलिप्तताएं और अपराध का पारिवारिक इतिहास रहा है। विभिन्न राज्यों में किए गए कई छापों में कुल 1667 ग्राम अफगान मूल की हेरोइन बरामद की गई है। इसके अलावा 130 ग्राम रासायनिक पदार्थ, जो ड्रग्स होने का संदेह है उसे भी जब्त किया गया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान श्रीनगर के सरगना शाजिया, फहीम, जावेद, लुधियाना के परमिंदर सिंह देओल उर्फ पप्पू उर्फ हैरी, अमृतसर के सलविंदर उर्फ गोरा, सरबजीत, तरनतारन के वरिंदर उर्फ सोनू, रवि शेर सिंह, मनजिंदर सिंह और जशनप्रीत सिंह के रूप में हुई है।
क्राइम डिवीजन के विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, नौ फरवरी को गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसीपी अनिल शर्मा, इंस्पेक्टर पंकज की देखरेख में टीम ने अमर कॉलोनी से फहीम को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 996 ग्राम अफगान मूल की हेरोइन बरामद की गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह हेरोइन वितरण गिरोह का सदस्य है। उसने अपने सप्लायर का नाम शाजिया बताया जो वर्तमान में भोगल, जंगपुरा, में रहती है। उसने आगे बताया कि शाजिया ने उसे हैरी नाम के एक ड्रग आपूर्तिकर्ता से मिलवाया था, जिसे “पंजाब ऑपरेटर” कहा जाता है। उसने बताया कि तीन फरवरी को उसने हैरी से मुरथल, सोनीपत में स्थित सुखदेव ढाबा पर एक किलो हेरोइन ली। हर बार, डिलीवरी लेने के बाद, ड्रग्स और समर्पित मोबाइल हैंडसेट शाजिया को सौंप दिए जाते थे, जो बदले में प्रति डिलीवरी 50 हजार रुपये का भुगतान करती थी।
आगे की जांच में जंगपुरा एक्सटेंशन के बीरबल रोड स्थित शाजिया के आवास पर छापा मारते हुए उसे गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर एक गुप्त स्थान से फोन बरामद किया गया, जिसमें सीमा पार से मादक पदार्थ तस्करी करने वाले गिरोह के संपर्कों की जानकारी मिली। वह पिछले 2-3 वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त थी। उसने अफगानिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन और पंजाब में सोहराब, हाफिज और हैरी सहित सहयोगियों के साथ मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले नेटवर्क का हिस्सा होना स्वीकार किया। पीसी रिमांड के दौरान शाजिया ने बताया कि वह खुद थोक में हेरोइन बेचती थी और अपने सहयोगी जावेद के माध्यम से नशेड़ियों को कम मात्रा में बेचती थी। 11 फरवरी को टीम ने जावेद को गिरफ्तार कर लिया। फहीम द्वारा सुखदेव ढाबा, मुरथल में ड्रग्स की डिलीवरी मिलने की जानकारी मिलने के बाद टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाल हैरी और उसके वाहन की पहचान की। बाद में उसकी पहचान परमिंदर सिंह देओल उर्फ पप्पू उर्फ हैरी के रूप में हुई। उसे लुधियाना से गिरफ्तार किया गया।
वह पाकिस्तान, यूके, अफगानिस्तान में ड्रग तस्करों के संपर्क में भी पाया गया। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर खालसा कॉलेज, अमृतसर के निकट एक निगरानी अभियान के तहत सोनू, सलविंदर उर्फ गोरा और रवि सहित अन्य तस्करों की पहचान हुई, जो वर्तमान में कनाडा में मौजूद कुख्यात ड्रग माफिया और भगोड़े लखविंदर उर्फ लांडा से जुड़े हुए थे। टीम ने सलविंदर को भी अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद टीम ने सरबजीत को भी अमृतसर से गिरफ्तार किया और तलाशी के दौरान अन्य आपत्तिजनक डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए गए। सरबजीत की निशानदेही पर वरिंदर उर्फ सोनू, रवि शेर सिंह और मनजिंदर को तरनतारन स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ के बाद तरनतारन के गांव धुन में जशनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह पबजी एप के जरिये जुड़े एक व्यक्ति से हेरोइन की खेप प्राप्त करता था।