नई दिल्ली (नेहा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का मसौदा राज्यों को दे दिया है और दीपावली से पहले प्रस्ताव को लागू करने के लिए उनका सहयोग मांगा गया है। पीएम मोदी ने कहा कि माल एवं सेवा कर (GST) में सुधार से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के साथ ही छोटे और बड़े व्यवसायों को भी काफी फायदा होगा। प्रधानमंत्री ने रविवार को दिल्ली में दो नए एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी कानून को आसान बनाने और टैक्स रेट में संशोधन करने का इरादा रखती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में जीएसटी कानून में सुधार के प्रस्ताव की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ”हमारे लिए सुधार का अर्थ सुशासन को आगे बढ़ाना है।” उन्होंने कहा कि सरकार लगातार सुधार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”आने वाले महीनों में हम कई बड़े सुधार करने जा रहे हैं, ताकि लोगों का जीवन और कारोबार करना आसान हो जाए।” केंद्र जीएसटी में ”अगली पीढ़ी का सुधार” ला रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस दीपावली लोगों को जीएसटी सुधार से डबल बोनस मिलेगा।’’
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र ने जीएसटी सुधार का मसौदा प्रस्ताव राज्यों को भेज दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सभी राज्य केंद्र सरकार की पहल में सहयोग करेंगे।’’ उन्होंने राज्यों से इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया, ताकि दीपावली का त्योहार और भी शानदार हो। उन्होंने कहा कि इस सुधार का मकसद जीएसटी को आसान बनाना और टैक्स रेट में संशोधन करना है।
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने जीएसटी की संशोधित व्यवस्था में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत वाली सिर्फ दो टैक्स स्लैब का ही प्रस्ताव रखा है, जिसे इस साल दीपावली तक लागू किए जाने की उम्मीद है। केंद्र के प्रस्ताव में 12 और 28 प्रतिशत के मौजूदा स्लैब हटा दिया गया है। संशोधित जीएसटी सिस्टम में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब के अलावा विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत के एक विशेष टैक्स स्लैब रखने का प्रस्ताव रखा गया है।
अब मंत्रियों का समूह इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगा और उसके आधार पर अपनी अनुशंसा जीएसटी काउंसिल के सामने रखेगा। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग अगले महीने होने की उम्मीद है। फिलहाल, खाने-पीने की जरूरी वस्तुओं पर कोई जीएसटी नहीं लगता है। जबकि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर 5 प्रतिशत, मानक वस्तुओं पर 12 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स और सर्विस पर 18 प्रतिशत और विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।