नई दिल्ली (नेहा): भारत के चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ एसआईआर की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। देश के बाकी हिस्सों में SIR की प्रक्रिया 1 जनवरी 2026 से शुरू की जा सकती है। 24 जून को जारी एक आदेश में आयोग ने पूरे देश में SIR शुरू करने का फैसला लिया था। लेकिन SIR की शुरुआत सबसे पहले बिहार से की गई जहां आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया गया। अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आयोग ने कहा कि आदेश समय आने पर उनके लिए अलग से जारी किए जाएंगे।
बुधवार को होने वाली इस बैठक में इस साल के अंत में बिहार और फिर अगले सााल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी इसके अलावा चुनाव आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वो अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाताओं की संख्या और अंतिम एसआईआर की जानकारी से संबंधित प्रस्तुति दें। बिहार के बाद गहन पुनरीक्षण अभ्यास का अगला चरण उन राज्यों में शुरू किया जाएगा जहां आने वाले साल में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एसआईआर अभियान का विरोध किया है तो वहीं भाजपा शासित राज्यों ने चुनाव आयोग की इस पहल का समर्थन किया है।