नई दिल्ली (नेहा): भारत में कीमती धातुओं की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 1 सितंबर 2025 को 24 कैरेट सोना ₹2,404 प्रति 10 ग्राम की उछाल के साथ ₹1,04,792 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले बंद भाव ₹1,02,388 से काफी अधिक है।
दूसरी ओर, चांदी में भी ₹5,678 प्रति किलो की जोरदार बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद यह ₹1,23,250 प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, जो पहले ₹1,17,572 थी। इस साल 1 जनवरी से अब तक सोना ₹28,630 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹37,233 प्रति किलो महंगी हो चुकी है।
इस अभूतपूर्व उछाल के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक हैं। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, और केंद्रीय बैंकों की सोने-चांदी की खरीदारी ने मांग बढ़ाई है। भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होना भी आयातित सोने की लागत को बढ़ा रहा है। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों (भारत पर 50%, चीन पर 200%) ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश के रूप में सोने-चांदी की ओर आकर्षित किया। इसके अलावा, भारत में त्योहारी सीजन और शादी-विवाह की मांग ने स्थानीय बाजारों में कीमतों को और बढ़ाया
इस साल सोने की कीमत में 37.6% की वृद्धि हुई, जो पिछले साल (2024) की 17.7% वृद्धि से कहीं अधिक है। चांदी की कीमतें भी 43.3% बढ़ीं, जो औद्योगिक मांग और निवेशकों के बढ़ते रुझान को दर्शाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना ₹1,08,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,30,000 प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
हालांकि, मुनाफावसूली और बाजार की अस्थिरता के कारण शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव संभव है। निवेशकों के लिए सलाह सोना और चांदी को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन खरीदारी से पहले हॉलमार्क की जांच जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशक बाजार की चाल पर नजर रखें और मुनाफावसूली के अवसरों का लाभ उठाएं। डिजिटल भुगतान और बिल लेना भी महत्वपूर्ण है।
सोने और चांदी की कीमतों ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं, जो भारत में निवेश और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। यह तेजी वैश्विक अनिश्चितता और स्थानीय मांग का परिणाम है, और आने वाले महीनों में और वृद्धि की संभावना है।