नई दिल्ली (नेहा): हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने हॉर्लिक्स, लक्स साबुन, किसान जैम और डव शैम्पू सहित अपने कई सबसे लोकप्रिय उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। कंपनी के मुताबिक 340 मिलीलीटर डव शैंपू की बोतल अब 490 रुपये की बजाय 435 रुपये में मिलेगी। यानी शैंपू 55 रुपये सस्ता हो जाएगा। लाइफबॉय साबुन के 75 ग्राम के चार पैक की कीमत 68 रुपये से घटाकर 60 रुपये कर दी गई है। इस तरह साबुन 8 रुपये सस्ता हो गया। इसके अलावा, हॉर्लिक्स के 200 ग्राम जार की कीमत 130 रुपये से घटाकर 110 रुपये कर दी गई है। इस तरह यह 20 रुपये सस्ता हुआ। जबकि 200 ग्राम किसान जैम की कीमत 90 रुपये से घटाकर 80 रुपये कर दी गई है। एचयूएल ने कहा कि संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) या अधिक ग्राम वाले पैक वाला ताजा स्टॉक बाजारों में भेजा जा रहा है। कंपनियों को संशोधन के बारे में एक या अधिक समाचार पत्रों में कम से कम दो विज्ञापन जारी करने होंगे तथा डीलरों के साथ-साथ राज्य और केंद्रीय अधिकारियों को भी सूचित करना होगा।
यह कदम सरकार के उस निर्देश के बाद उठाया गया है जिसमें उपभोक्ता वस्तु निर्माताओं को GST में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाने का निर्देश दिया गया था। 3 सितंबर को, सीतारमण की अध्यक्षता में GST परिषद ने अपनी 56वीं बैठक में शैम्पू और हेयर ऑयल जैसे दैनिक उपयोग के उत्पादों से लेकर ऑटोमोबाइल और टेलीविजन तक, कई वस्तुओं पर कर दरों में कटौती की घोषणा की थी। GST काउंसिल मीटिंग में टैक्स स्ट्रक्चर को तीन स्लैब 5%, 18% और 40% में सरल बनाया गया। पनीर, यूएचटी दूध, खाखरा, पिज्जा ब्रेड, रोटी और पराठे को GST से पूरी तरह GST Free (0 GST) कर दिया गया है। गाढ़ा दूध, मक्खन, घी, पनीर, जैम, सॉस, सूप, पास्ता, नमकीन और कन्फेक्शनरी उत्पादों पर अब 12-18% से घटकर केवल 5% GST लगेगा। खजूर, बादाम, काजू, पिस्ता, अंजीर और खट्टे फलों जैसे सूखे मेवों पर भी कर घटाकर 5% कर दिया गया है।
सरकार ने निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों को माल एवं सेवा कर (GST) दरों में नवीनतम बदलावों को दर्शाने के लिए बचे हुए स्टॉक पर संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) घोषित करने की अनुमति दे दी है। इस प्रक्रिया की समय सीमा 31 दिसंबर, 2025 या मौजूदा स्टॉक के बिक जाने तक, जो भी पहले हो, है। यह कदम कई उत्पादों और सेवाओं पर GST में कमी के बाद उठाया गया है, जो 22 सितंबर से प्रभावी होगी। एक्स पर निर्णय की घोषणा करते हुए, केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, “नई GST दरों के अनुसार, निर्माता, पैकर्स और आयातक 31 दिसंबर, 2025 तक (या स्टॉक रहने तक) बिना बिके स्टॉक पर एमआरपी को संशोधित कर सकते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि संशोधन केवल कर परिवर्तन के अनुरूप ही होना चाहिए। मंत्री ने जोर देकर कहा, “कीमत में कोई भी वृद्धि या कमी केवल कर परिवर्तन के अनुरूप ही हो सकती है।” निर्देश में संशोधित MRP को स्टिकर, स्टाम्प या ऑनलाइन प्रिंट के माध्यम से प्रदर्शित करने की अनुमति दी गई है, लेकिन पुरानी कीमत दिखाई देना चाहिए। इसके अतिरिक्त, कम्पनियों को संशोधन के बारे में एक या अधिक समाचार पत्रों में कम से कम दो विज्ञापन जारी करने होंगे तथा डीलरों के साथ-साथ राज्य और केन्द्रीय अधिकारियों को भी सूचित करना होगा।