नई दिल्ली (राघव): देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर हिस्सों में एक बार फिर मौसम ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के कई राज्यों के लिए भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अगले कुछ दिनों में इन क्षेत्रों में मानसून की तीव्र गतिविधियां और नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका है।
बिहार में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज और सिवान जिलों में अगले पांच दिन तक मूसलाधार बारिश हो सकती है। साथ ही 30–40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं और बिजली गिरने का खतरा भी बना हुआ है। गंडक, कोसी, महानंदा और अधवारा जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पहाड़ी राज्यों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते भूस्खलन और सड़कों के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। कई स्थानों पर एनएच अवरुद्ध हो गए हैं और राहत-बचाव टीमें तैनात कर दी गई हैं।
दिल्ली-NCR में आने वाले कुछ दिनों तक हल्की बारिश की संभावना है। उधर गुना और शिवपुरी समेत मध्य प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। यहां राहत और बचाव कार्य जारी है।
उत्तर प्रदेश के औरैया, प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया, हमीरपुर, बांदा समेत 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे 200 से अधिक गांव और 60 बस्तियां जलमग्न हो चुकी हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में भी मौसम बिगड़ा हुआ है। असम, मेघालय और सिक्किम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में जलभराव और भूस्खलन की स्थिति बन सकती है।