नई दिल्ली (राघव): डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम सामने आया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने प्राइवेट कार मालिकों के लिए एक सालाना फास्टैग पास की शुरुआत करने का ऐलान किया है, जो सफर करने वालों को टोल टैक्स में बड़ा फायदा देने वाला है। यदि आप हाईवे पर बार-बार सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है।
सरकार 15 अगस्त 2025 से एक नई सुविधा शुरू करने जा रही है, जिसके तहत निजी कार मालिक 3000 रुपये देकर एनुअल पास ले सकते हैं। इस पास से एक साल में अधिकतम 200 बार टोल क्रॉस किया जा सकता है, यानी प्रति यात्रा औसतन 15 रुपये में टोल चुकाया जाएगा। जबकि अभी सामान्यत: एक ट्रिप पर 70 से 150 रुपये तक टोल शुल्क लगता है।
रजिस्ट्रेशन लिंक 4 अगस्त 2025 से ओपन होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आप ‘राजमार्ग यात्रा’ मोबाइल ऐप या NHAI की वेबसाइट पर जा सकते हैं। वहीं से पास की वैधता और रिचार्ज संबंधित जानकारी भी मिलेगी।
योजना की समीक्षा के लिए हाल ही में मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई थी। इस पास को लागू करने में 30 बैंकों की भागीदारी तय की गई है, जिससे ट्रांजेक्शन और प्रोसेस को सुगम बनाया जा सके।
इस पास का लाभ केवल निजी कारों को मिलेगा। टैक्सी, कैब, कॉमर्शियल या भारी वाहन इस योजना में शामिल नहीं हैं। बार-बार यात्रा करने वालों को ये पास बेहद फायदेमंद होगा।
एनएचएआई ने यह भी साफ किया है कि यदि FASTag को सही तरीके से वाहन की विंडस्क्रीन पर नहीं चिपकाया गया है, या कोई व्यक्ति टैग को हाथ में लेकर स्कैन कराता है, तो उस टैग को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। यह ‘Tag-in-Hand’ माना जाएगा, जो नियमों के खिलाफ है।
हर बार जब वाहन टोल प्लाजा से गुजरेगा, वह एक ट्रिप के रूप में गिना जाएगा। पास या तो 1 साल तक मान्य रहेगा या 200 ट्रिप पूरे होने तक, जो भी पहले हो। इसके बाद नए सिरे से पास लेना या टोल पेमेंट करना होगा।