नई दिल्ली (राघव): पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 की धारा 411 के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पाकिस्तानी के सभी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त भारतीय जहाजों को भी पाकिस्तान के किसी बंदरगाह पर जाने से रोक दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और इसका उद्देश्य भारतीय समुद्री परिसंपत्तियों, कार्गो और बंदरगाह अवसंरचना की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपनी रणनीति में सख्ती दिखाई है। समुद्री क्षेत्र भी अब इस रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। भारत इस फैसले ये यह संकेत देना चाहता है कि वह अपने तटीय क्षेत्रों और समुद्री परिवहन को किसी भी संभावित खतरे से सुरक्षित रखने में कोई कोताही नहीं बरतेगा. पाकिस्तानी पोतों का प्रतिबंध उसी नीति के अंतर्गत आता है।
इस प्रतिबंध के प्रमुख प्रभाव:
बंदरगाह, कंटेनर टर्मिनल, तेल टर्मिनल जैसी संवेदनशील जगहों पर बाहरी हस्तक्षेप की आशंका अब और भी गंभीर हो गई थी। यह प्रतिबंध प्रत्यक्ष समुद्री जासूसी या आपराधिक गतिविधियों के खतरे को कम करेगा। इस फैसले के बाद अब कोई पाकिस्तानी पोत भारतीय जलसीमा में नहीं आ सकेगा और भारतीय पोत पाकिस्तान नहीं जा सकेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार पूरी तरह ठप पड़ जाएगा। पाकिस्तान के कुछ समुद्री व्यापारिक मार्ग जो भारत की बंदरगाहों के जरिए संचालित होते थे, उन्हें अब वैकल्पिक मार्ग खोजने होंगे जो लंबे, महंगे और कम व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हो सकते हैं।