नई दिल्ली (नेहा): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को गाजा युद्ध समाप्त करने के लिए एक व्यापक 20-सूत्री शांति योजना की घोषणा की, जिसे इजरायल ने स्वीकार कर लिया है। इस योजना का भारत ने तत्काल स्वागत किया है। भारत लगातार यह भी स्पष्ट कर रहा है कि फिलीस्तीन मुद्दे पर देश की पारंपरिक नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना को दीर्घकालिक और स्थायी शांति का व्यवहार्य मार्ग बताते हुए सभी पक्षों से इसके पीछे एकजुट होने की अपील की है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ लंबी बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गाजा शांति योजना का खुलासा किया। इसमें हमास द्वारा सभी इजरायली बंधकों की 72 घंटों के अंदर रिहाई, इजरायल द्वारा चरणबद्ध तरीके से गाजा से सेना वापसी, हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण और गाजा में अंतरिम शासन के लिए एक तकनीकी-आधारित फिलीस्तीनी समिति का गठन शामिल है।
इस घोषणा पर प्रतिक्रिया जताते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि, ‘हम राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के गाजा संघर्ष समाप्त करने की व्यापक योजना की घोषणा का स्वागत करते हैं। यह फिलीस्तीनी और इजरायली लोगों के लिए, साथ ही पश्चिम एशिया क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक शांति, सुरक्षा और विकास का व्यवहार्य मार्ग प्रदान करती है। हम आशा करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल के पीछे एकजुट होंगे और संघर्ष समाप्त करने व शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे।’
यह इस बात का संकेत है कि भारत फिलीस्तीन राज्य के निर्माण में सहयोग देने की परंपरागत नीति जारी रहेगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अभी यह देखा जाएगा कि ट्रंप की भावी नीति को गाजा पट्टी में किस तरह से लागू होती है, इस बारे में भारत से जो भी जरूरत होगी, वह मदद दी जाएगी। सनद रहे कि भारत फिलीस्तीन को मान्यता देने वाले सबसे पहले के तीन देशों में शामिल है। बाद के दशकों में इजरायल के साथ बेहद करीबी रणनीतिक संबंध बन जाने के बावजूद भारत ने फिलीस्तीन मुद्दे पर अपनी पुरानी नीति पर कायम रहा है।