नई दिल्ली (पायल): अमेरिका में 2025 के चुनाव भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई-अमेरिकी समुदाय के लिए ऐतिहासिक साबित हुए हैं। तीन प्रमुख भारतीय-अमेरिकी नेताओं- ज़ोहरान ममदानी, आफताब पुरेवाल और ग़ज़ाला हाशमी ने बड़ी जीत हासिल की है, जिससे अमेरिकी राजनीति में विविधता और प्रतिनिधित्व का एक नया अध्याय शुरू हुआ।डेमोक्रेटिक नेता ज़ोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। वह अमेरिका के सबसे बड़े शहर के पहले दक्षिण एशियाई और मुस्लिम मेयर बने हैं। युगांडा में जन्मे ममदानी प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता मीरा नायर और विद्वान महमूद ममदानी के पुत्र हैं। उन्होंने पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो (निर्दलीय उम्मीदवार) और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लीवा को हराया, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन प्राप्त था। ममदानी को 50.6% (9,48,202) वोट मिले। उनके अभियान का मुख्य उद्देश्य जीवन-यापन की लागत कम करना और मज़दूर वर्ग को सशक्त बनाने पर केंद्रित था।
भारतीय मूल के डेमोक्रेट आफताब पुरेवाल ने रिपब्लिकन कोरी बोमैन को हराकर सिनसिनाटी के मेयर के रूप में दूसरी बार जीत हासिल की है। 2021 में पहली बार चुने गए पुरेवाल ने शहर में आर्थिक अवसरों और सार्वजनिक सेवाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया। उनका पुनः निर्वाचित होना उनकी लोकप्रियता और उनके नेतृत्व में जनता के विश्वास की पुष्टि करता है।
भारतीय मूल की ग़ज़ाला हाशमी ने वर्जीनिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर बनकर इतिहास रच दिया है। वह राज्य की पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई अमेरिकी उप-राज्यपाल बनी हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य हाशमी को 54.2 प्रतिशत वोट मिले। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर काम किया है।
इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड के निदेशक चिंतन पटेल ने इन जीतों को “भाईचारे, राष्ट्र और लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण” बताया। इन जीतों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय मूल के नेताओं ने अब अमेरिकी राजनीति की मुख्यधारा में अपने-आप को मज़बूती से स्थापित कर चुके हैं।


