नई दिल्ली (नेहा): हर साल 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस या इंटरनेशनल कॉफी डे मनाया जाता है। वैसे तो कॉफी के कई लोग शौकीन होते हैं और पूरे दिन में कई-कई कॉफी भी पी जाते हैं। वर्तमान समय में कॉफी चलन अधिक बढ़ चला है, आज ऑफिसों में भी अधिकतर लोग कॉफी पीते हुए दिखते हैं, वे चाय को कम महत्व देकर कॉफी की तरफ आकर्षित हो रहे है, जिसकी वजह कॉफी से उन्हें अधिक ऊर्जा मिलती है, ऐसा माना जाता है, लेकिन दिनभर कॉफी पीने वाले लोग क्या यह जानते हैं कि कहां से आई कॉफी और इसका इतिहास क्या है?
कॉफी की इतिहास जानें: आपको बता दें कि कॉफी का उत्पादन लैटिन अमेरिका, सब सहारा अफ्रीका, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे गर्म इलाकों में अधिक होता है। यूरोप में 16वीं और 17वीं सदी में कॉफी लोकप्रिय हुई थी। कहा जाता है कि कॉफ़ी की खेती यमन के लोगों ने की थी। वे इसे ‘कहवा’ कहते थे। बाद में इसी शब्द से कॉफी और फिर कैफे शब्दों का जन्म हुआ। यह भी कहा जाता है कि यमन में सूफी संत ईश्वर का ध्यान लगाते समय इसका इस्तेमाल करते थे। बाद में सीरियाई शहर अलेप्पो और इस्तांबुल में भी यह चर्चा में आई।
जानकारी के अनुसार हर साल 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाने का विचार सन् 1963 में लंदन में स्थापित विश्व कॉफी संगठन ने किया था। इसके बाद इसे पहली बार 01 अक्टूबर 2015 को मनाया गया तथा कुछ देशों में तो कॉफी दिवस अलग-अलग तारीख को मनाया जाता हैं।