जम्मू (नेहा): जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शनिवार को किश्तवाड़ ज़िले के चशोती गांव पहुंचे और बादल फटने से आई अचानक बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। बाढ़ में अब तक 60 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल होने की पुष्टि हो चुकी है। गांव में समन्वित बचाव और राहत अभियान जारी है। इस बीच, 75 लोगों के लापता होने की सूचना उनके परिवारों ने दी है।
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सैंकड़ों लोगों के अचानक आई बाढ़ में बह जाने और बड़े-बड़े पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब जाने की आशंका है। शुक्रवार शाम किश्तवाड़ पहुंचे मुख्यमंत्री शनिवार सुबह सड़क मार्ग से चशोती के लिए रवाना हुए। उनके साथ उनके राजनीतिक सलाहकार नासिर असलम वानी भी मौजूद थे। राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने अब्दुल्ला को घटनास्थल पर चल रहे बचाव अभियान की जानकारी दी।
किश्तवाड़ ज़िले के चशोती गांव में गुरुवार को बादल फटने से यह हादसा हुआ। यह हादसा दोपहर 12:25 बजे चशोती गांव में मचैल माता मंदिर के रास्ते में हुआ। हादसे के समय मचयाल माता मंदिर यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां जमा थे। यह यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होनी थी।
अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 16 रिहायशी घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पवन चक्कियां, एक 30 मीटर लंबा पुल और 12 से ज़्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मचैल माता यात्रा शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी स्थगित रही। यह मंदिर 9,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए 8.5 किलोमीटर की चढ़ाई किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर चशोती से शुरू होती है।