झालावाड़ (राघव): राजस्थान के झालावाड़ में शुक्रवार को एक भयानक हादसे में कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। जर्जर स्कूल की छत अचानक भरभरा कर गिर जाने से वहां प्रार्थना कर रहे बच्चे मलबे में दब गए। कुछ बच्चों ने मौके पर ही तो कुछ ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कई बच्चों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद जहां गांव में मातम पसरा है तो स्कूलों की हालत को लेकर सरकार सवालों में घिर गई है।
घटना मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी गांव की है। यहां रोज की तरह सुबह से ही सरकारी स्कूल में चहल पहल थी। बारिश के बावजूद तीन दर्जन से अधिक बच्चे स्कूल पहुंच गए थे। बाहर बारिश होने की वजह से स्कूल के भीतर ही प्रार्थना का फैसला किया गया। बच्चे प्रार्थना के लिए कतार में खड़े थे कि तभी अचानक उस हिस्से की छत नीचे आ गिरी। छत और दीवारों के मलबे में अधिकतर बच्चे दब गए।
घटना के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। तेज आवाज सुनकर गांव वाले दौड़े। बच्चों के रोते बिलखते परिजन मलबे को हटाने में जुट गए। करीब 7:45 बजे पुलिस को सूचा दी गई। पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों और शिक्षकों की मदद से बच्चों को मलबे से निकालकर अस्पताल भेजा गया। अधिकारियों के मुताबिक घटना के समय करीब 35 बच्चे वहां मौजूद थे।
घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जाहिर किया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि हादसे के बाद वह अपना भरतपुर डीग का दो दिवसीय दौरा रद्द कर झालावाड़ के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने आला अधिकारियों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया था। दिलावर ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में विद्यालय के भवन जर्जर अवस्था में है और उनकी मरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।