नई दिल्ली (नेहा): कर्नाटक की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने साफ कहा है कि राज्य में नेतृत्व को लेकर जो भ्रम दिख रहा है, वह कांग्रेस हाईकमान की वजह से नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर पैदा हुआ है। खरगे के इस बयान के बाद सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर चल रही चर्चाओं ने एक बार फिर सियासी तूल पकड़ लिया है।
खरगे ने कर्नाटक के कलबुर्गी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने किसी तरह का भ्रम नहीं फैलाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भ्रम स्थानीय स्तर पर है, तो उसका दोष हाईकमान पर डालना कैसे सही हो सकता है। खरगे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी के अंदर चल रहे मतभेदों की जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं को ही लेनी चाहिए, न कि दिल्ली पर उंगली उठानी चाहिए।
कर्नाटक में सत्ता संघर्ष की कहानी मई 2023 से शुरू होती है, जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला। इसके बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया और डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई। उसी समय से दोनों नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। अनौपचारिक तौर पर 2.5 साल का फॉर्मूला चर्चा में रहा, हालांकि पार्टी ने कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

