वाशिंगटन (पायल): अफ्रीकी देश नाइजीरिया में ईसाइयों की हत्या को लेकर भड़कने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति को अब जवाब दिया गया है। नाइजीरिया की तरफ से रविवार को कहा गया कि वह इस्लामी कट्टरपंथियों से लड़ने के लिए अमेरिका की मदद को स्वीाकर करता है, लेकिन इस सब के बीच अमेरिक को उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंड़ता का सम्मान करना होगा।
नाइजीरिया को लेकर ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया का जवाब नाइजीरिया के राष्ट्र्पति बोला टीनुबू के सलाहकार डैनियल बवाला ने दिया। उन्होंने कहा, “इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ लड़ाई में हम अमेरिकी सहयोग का स्वागत करते हैं, बशर्ते वह हमारी क्षेत्रीय अखंडता को स्वीकार करे।”
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बवाला ने कूटनीतिक रास्ता अपनाते हुए दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने की कोशिश की। हालांकि, ट्रंप ने नाइजीरिया को एक अपमानित देश करार दिया था। बवाला ने कहा, “मुझे यकीन है कि जब तक ये दोनों नेता मिलेंगे और बैठेंगे, तब तक आतंकवाद से लड़ने के हमारे संयुक्त संकल्प के बेहतर परिणाम सामने आएँगे।”
इससे पहले शनिवार को भी नाइजीरिया प्रशासन ने ट्रंप के बयान पर पलटवार करते हुए इसे फर्जी बताया था। नाइजीरियाई अधिकारियों ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया था कि उनके देश में ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सूचना मंत्री मोहम्मद इदरीस ने सामूहिक उत्पीड़न के दावों को “बेहद भ्रामक” बताया और हजारों लोगों के मारे जाने की खबरों को खारिज कर दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाइजीरिया में ईसाइयों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे व्यवस्थित हमलों को लेकर नाइजीरिया को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उन्होंने नाइजीरिया को एक विशेष चिंता वाला देश बताया। इतना ही नहीं ट्रंप ने इस देश में ईसाइ धर्म को भी अस्तित्व का खतरा होने का दावा किया।
इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर नाइजीरियाई सरकार को चुनौती देते हुए एक संदेश दिया। ट्रंप ने लिखा, “अगर नाइजीरियाई सरकार ईसाइयों की हत्या की अनुमति देती रही, तो अमेरिका तुरंत नाइजीरिया को दी जाने वाली सभी सहायता रोक देगा, और हो सकता है कि वह अब बदनाम हो चुके देश में ‘बंदूकें लेकर’ घुस जाए, ताकि इन भयानक अत्याचारों को अंजाम देने वाले इस्लामी आतंकवादियों का पूरी तरह से सफाया कर सके।”


